![Vastu Shastra, in which direction the gate of the house should be built, what should be the architecture of the house, keep these things in mind while building the house, Acharya Rajendra Tiwari, the universe of the house](/wp-content/uploads/2023/03/maxresdefault-1.jpg)
Vastu Special: जानिए क्या होता है ब्रहम स्थान, घर में इसका खुला रहना क्यों होता है जरूरी
ब्रह्म स्थान पर क्यों नहीं रखना चाहिए कोई भारी सामान, नादानी में ऐसा करने से होती हैं तमाम दिक्कतें
जब घर में वास्तु दोष होता है तो इससे घर में नेगेटिविटी का संचार होता है। ऐसे में जरूरी होता है कि पहले घर के वास्तु को चेक किया जाए और अगर उसमें कोई दोष हो तो उसे दूर करने के उपाय किए जाएं। लेकिन अधिकतर लोगों की यह शिकायत होती है कि उन्हें अपने घर के वास्तु के बारे में कोई ज्ञान नहीं होता है।
ऐसे में उन्हें सबसे अच्छा उपाय लगता है कि वह किसी एक्सपर्ट की मदद लें। यकीनन एक एक्सपर्ट घर के वास्तु को चेक करने में आपकी मदद करेंगे। लेकिन कभी-कभी उनकी सर्विसेज लेना जेब पर भारी पड़ सकता है। इसलिए, पहले आप खुद ही अपने घर के वास्तु को चेक करने की कोशिश करें। घर के वास्तु को चेक करना काफी आसान है।
ऐसी हो उत्तर और पूर्व की दिशा
भागतकथा प्रवक्ता, ज्योतिषी और वास्तुशास्त्री आचार्य राजेन्द्र तिवारी ने बताया कि जब घर के वास्तु को चेक करने की बात होती है तो सबसे पहले आपको यह देखना चाहिए कि घर के उत्तर और पूर्व की दिशा खुली हो। उसका हवादार और सुंगधित होना आवश्यक है। साथ ही, इस दिशा में अच्छा प्रकाश भी आना चाहिए। जिन घरों में उत्तर व पूर्व की दिशा ऐसी होती है, उस घर का वास्तु स्वयं में बहुत अधिक सकारात्मक होता है।
ऐसी हो उत्तर-पश्चिम की दिशा
वहीं, घर में उत्तर-पश्चिम दिशा अर्थात् वायु कोण में हमेशा ड्राइंग रूम ही बनाना चाहिए। उत्तर-दिशा में ऐसी चीजों को रखने की सलाह दी जाती है, जो हमेशा चलायमान हों। ऐसे में इसे अतिथि स्वागत कक्ष के लिए सबसे अच्छी दिशा मानी जाती है। हालांकि, आप ड्राइंग रूम के अलावा यहां पर कार या बाइक को भी खड़ा किया जा सकता है।
ऐसी हो किचन की दिशा
आचार्य राजेन्द्र तिवारी ने बताया कि किचन घर का एक जरूरी हिस्सा है और इसलिए इसकी दिशा को अवश्य चेक करना चाहिए। हमेशा कोशिश करें कि किचन दक्षिण पूर्व अर्थात् आग्नेय कोण में बनी हो। इस दिशा में बनी किचन में बनाया गया ना केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इससे खाने में भी बरकत होती है। इतना ही नहीं, आग्नेय कोण में बनी किचन गृहिणियों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है।
खुला हो ब्रह्म स्थान
घर के सेंटर को ब्रह्म स्थान कहा जाता है। घर का ब्रह्म स्थान हमेशा खुला होना चाहिए। इस स्थान पर कोई भी भारी फर्नीचर जैसे डाइनिंग टेबल, सोफा या अन्य भारी वस्तु को बिल्कुल भी ना रखें।
बेडरूम की दिशा
घर के बेडरूम की दिशा भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। घर के मुखिया का बेडरूम दक्षिण-पश्चिम में होना सबसे अच्छा माना जाता है। वहीं, बड़े बेटे का बेडरूम दक्षिण दिशा के मध्य में होना चाहिए ताकि उसे ग्रोथ मिले और करियर में सफलता मिले।
बच्चों का का बेडरूम पश्चिम दिशा के मध्य में बनाएं। जिससे उसे बिजनेस में सफलता मिल सके। पढ़ाई के लिए भी पश्चिम दिशा अच्छी मानी जाती है। वहीं, बच्चों के लिए बेडरूम उत्तर-पश्चिम दिशा में बनवाना अच्छा माना जाता है। इससे उन्हें पढ़ाई में मदद मिलती है। हालांकि, कमरे में बच्चों की स्टडी टेबल पूर्व दिशा में होनी चाहिए।