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H3N2 इन्फ्लुएंजा का खतरा! पढ़िए लक्षण और बचाव के उपाय; जानें विशेषज्ञों की भी राय

लखनऊ में विशेषज्ञ बोले- पैनिक न हों, बस सतर्कता बरतना जरूरी है

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश में एच3एन2 (H3N2) इन्फ्लुएंजा संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में 15 मरीजों के सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हालात और बिगड़ने की आशंका है। वहीं, सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि, विशेषज्ञ इससे ज्‍यादा पैनिक न होने की बात कह रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकारी अस्पतालों में H3N2 इन्फ्लुएंजा के लक्षणों वाले पेशेंट्स की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ओपीडी में बड़ी संख्या में सर्दी-जुकाम, गले में खराश, बुखार, कमजोरी सहित दूसरी समस्या लेकर आ रहे हैं। इन मरीजों को डॉक्टर सलाह दे रहे हैं। हालांकि, अभी जांच की सुविधा सिर्फ केजीएमयू और एसजीपीजीआइ में ही उपलब्ध हैं और सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा मौजूद नहीं है।

बच्‍चों को लेकर रहें ज्‍यादा सावधान: डॉ. रमेश गोयल

बलरामपुर अस्‍पताल के निदेशक व वरिष्‍ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश गोयल का कहना है कि इंन्‍फ्लुएंजा ए का असर हमेशा पर बच्‍चों पर ज्‍यादा रहा है और ऐसे में उनके लिए ज्‍यादा सावधानी बरतनी चाहिए। अगर लंबे समय से खांसी, बुखार और जुकाम बना हुआ है तो उसे नजरअंदाज न करें बल्कि जांच कराएं और डॉक्‍टर को दिखाएं। साथ ही अगर डॉक्‍टर भर्ती करने को कहे तो इसमें भी देरी न करें।

पैनिक होने वाली बात नहीं है, स्थिति काबू में है: डॉ. अमिता जैन

केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड डॉ. अमिता जैन ने बताया कि लैब में तमाम जांच के अलावा एच3एन2 की जांच भी होती हैं। पूरे महीने में लगभग 250 सैंपल की जांच होती है। इस बार करीब 10 से 15 मरीज के सैंपल की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह कोई अलार्मिंग या पैनिक जैसी कंडीशन नहीं हैं। इन मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी। एक से दो हफ्ते में इनको बीमारी से निजात भी मिल रही है। उन्‍होंने कहा कि सबसे खास बात है कि मरीजों को पहले से सतर्कता बरतनी है। अगर पहले से मास्क और सैनिटाइजर का इस्‍तेमाल करेंगे तो इस वायरस से बचे रह सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर से एडवाइजरी भी जारी हो चुकी है और फिलहाल प्रदेश में हालात नियंत्रण में दिख रहे हैं।

H3N2 के लक्षण

H3N2 वायरस के लक्षण सीजनल कोल्‍ड और कफ की तरह ही होते हैं। इन लक्षणों को समझने और सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

खांसी

नाक बहना या नाक बंद होना

गले में खराश

सिर दर्द

शरीर में दर्द

बुखार

ठंड लगना

थकान

सांस फूलना

दस्‍त

उल्‍टी।

ये लक्षण दिखने पर मरीज को अस्पताल में कराएं भर्ती

सांस लेने में तकलीफ

ऑक्सीजन लेवल 93 से कम होने पर

पेट और छाती में दर्द व दबाब महसूस होना

बहुत अधिक उल्टी होना

मरीज कंफ्यूज रहे या उसे भ्रम होने लगा हो

मरीज के लक्षण में सुधार हो जाने के बाद खांसी और बुखार रिपीट हो रहा हो।

इन लोगों के लिए सर्दी-खांसी को हल्के में न लें

बुजुर्ग

अस्थमा के मरीज

दिल की बीमारी या उससे संबंधित समस्‍या वाले लोग

किडनी की समस्‍या के मरीज

प्रेग्नेंट महिला

जिन लोगों की डायलिसिस चल रही हो।

H3N2 वायरस से बचने के कुछ उपाय

हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोएं

सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें

जो व्यक्ति बीमार है, उसके संपर्क में आने से बचें

छींकते या खांसते समय अपना मुंह ढक लें, क्योंकि वायरल इन्फेक्शन तेजी से फैलता है

चेहरे और आंखों को बार-बार छूने से बचें

भीड़ वाली जगहों पर जाते समय मास्क जरूर लगाएं

H3N2 वायरस का इलाज

खुद को हाइड्रेट रखें और समय-समय पर लिक्विड पीते रहें

सिर दर्द, बुखार या खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें

इन्फ्लुएंजा संक्रमण से बचने के लिए फ्लू शॉट्स लें

सर्दी-खांसी या बुखार होने पर अपने मन से एंटीबायोटिक्स न लें

घर के बाहर मास्क लगाकर रखें और भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

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