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World Heart Day: कैसे रखें अपने दिल का खास ख्याल, जान लीजिए Experts Advice

लखनऊ: जब बात हो शरीर की हो तो सबसे पहले दिल का ख्याल आता है और ऐसा हो भी क्यों ना क्योंकि दिल का एक भी झटका किसी का जीवन तबाह और बर्बाद कर सकता है। ऐसे में दिल के मामले पर विशेष ध्यान देने कि जरुरत भी है। इसी दिल के मामले पर राजधानी लखनऊ स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं कार्डियो स्पेशलिस्ट डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने विस्तार से जानकारी दी।

डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आज के दौर में दिल की बीमारियों के मरीज़ दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। वृद्धों के साथ नौजवानों और बच्चों में भी दिल के मरीज देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में लोगों को दिल के बारे में जागरूक करने के लिए ही विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। कार्डियो स्पेशलिस्ट डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड-19 के बाद से ऐसे मामलों में और तेजी आई है। लगातार ऐसी मामले आ रहे हैं जिसमें डांस करते करते, जिम करते करते हार्ट अटैक आ रहा है और लोग असमय काल के गाल में समा रहें हैं। इसलिए विश्व हृदय दिवस मनाये जाने की बड़ी जरुरत भी है। उल्लेखनीय है कि आज विश्व में ह्रदय दिवस मनाया गया। इस साल विश्व हृदय दिवस की थीम Use Heart, Know Heart रखी गई है। हम आपको इसी के बारें में पूरी जानकारी देंगें।

डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव
डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव

ध्यान न देने के कारण बढ़ रहे तत्काल मृत्यु के मामले

डॉ. राजेश बताते हैं कि लोग खुद पर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसकी वजह से सडन डेथ के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। अगर आप पहले ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको खुद का ख़ास ख्याल रखने की जरूरत है। समझने की जरूरत यह भी है कि आखिर हार्ट अटैक है क्या? हार्ट की धमनियों में खून बहता है और ब्लॉकेज होने के कारण जब ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है तो हार्ट के पंप करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में हार्ट फेल की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण है लाइफस्टाइल। आज के दौर में शारीरिक गतिविधियां न के बराबर हो चुकी हैं, न तो व्यायाम पर ध्यान दे रहे हैं और न ही अपने खान-पान पर। इन सभी वजहों से बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। एक और वजह है AC। बहुत ठंडे में भी रहने की वजह से तकलीफ बढ़ने लगती है और शायद इसिलए हम मरीजों को सलाह देते हैं कि बहुत ज्यादा ठंड हो तो बाहर न निकलें। इसका मतलब यह भी है कि AC को भी नार्मल टेम्प्रेचर पर चलायें जिससे घर या कमरे का माहौल बहुत ठंडा न हो।

गर्भवती महिलाओं को भी खुद का ख़ास ख्याल रखने की है जरूरत: डॉ. रमा

आईएमए की पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमा श्रीवास्तव (प्रसूतिशास्री) ने भी विश्व हृदय दिवस पर डेली इनसाइडर से ख़ास बातचीत की। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को अगर दिल से संबंधित कोई बीमारी है तो उन्हें भी अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है। हां, इससे प्रेगनेंसी पर कोई असर नहीं पड़ता है लेकिन गर्भवती महिला पर जरूर इसका असर पड़ सकता है। आसान भाषा में समझाते हुए उन्होंने बताया, बच्चे की डेवलपमेंट के लिए हार्ट एक्स्ट्रा एफर्ट करता है। अगर पहले से ही गर्भवती महिला को दिल से संबंधित कोई बीमारी है या फिर ब्लड प्रेशर की कोई दिक्कत है तो इसका इलाज करवाना जरूरी है। साथ ही अगर ऐसा कुछ है तो अपने डॉक्टर को इससे अवगत कराना भी गर्भवती महिला कि जिम्मेदारी है। इससे फायदा यह होता है कि डॉक्टर या प्रसूतिशास्री समय-समय से हार्ट का चेकअप भी करवाती रहती हैं।

डॉ. रमा श्रीवास्तव (प्रसूतिशास्री)
डॉ. रमा श्रीवास्तव (प्रसूतिशास्री)

 

बिना परामर्श के दवा न लें गर्भवती महिलाएं

गर्भवती महिला समय-समय पर और डॉक्टर की सलाह पर हेल्थ चेकअप करवाती रहें। उन्होंने यह भी बताया कि अगर गर्भवती महिला को ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो कई स्टेप्स फॉलो करने चाहिए। इसमें सबसे जरूरी होता है आराम। खान-पान पर सही ध्यान। डाईट ऐसी अपनानी होगी जिससे मां और बच्चे दोनों को फायदा पहुंचे। प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर द्वारा जो भी प्रिस्क्राइब्ड दवाएं दी गई हैं, उन्हें समय से लेना भी बहुत जरूरी होता है। क्योंकि वो दवाएं सिर्फ गर्भवती महिला के लिए ही नहीं बल्कि उसके बच्चे के लिए भी होती हैं।

डॉ. स्मिता ने बताया- कैसे रखें दिल का ख्याल?

क्लिनिकल डाइटीशियन डॉ. स्मिता सिंह बताती हैं कि देश में 50 प्रतिशत हार्टअटैक ऐसे लोगों को हो रहे हैं जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है। बच्चों में हार्टअटैक की समस्या भी देखी जा रही है। इनसब की वजह है लाइफस्टाइल पर ध्यान न देना। अपनी लाइफस्टाइल को चेंज करना आज बहुत ही ज्यादा जरूरी है। मेटाबोलिज्म को कण्ट्रोल करने की सबसे ज्यादा जरूरत है। कोलेस्ट्रोल के बारे में भी जानना और समझना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि आप संतुलित डाईट अपनाएं। अपनी डाईट में उन सभी चीजों को शामिल करें जिसमें प्रोटीन की मात्रा अच्छी हो। रेशे दार सब्जियों का सेवन करें। सरसों के तेल का इस्तेमाल करें, रिफाइंड आयल से दूरी बना कर रखें।

क्लिनिकल डाइटीशियन डॉ. स्मिता सिंह
क्लिनिकल डाइटीशियन डॉ. स्मिता सिंह

उन्होंने यह भी बताया कि अपने खाने में आयोडीन नमक का इस्तेमाल जरूर करें लेकिन उसकी मात्रा बहुत अधिक न हो। सेंधा नमक पोटैशियम लेवल को बढाता है जिससे आपके हार्ट पर इफ़ेक्ट पड़ता है। खाने में नमक कम खाएं लेकिन आयोडीन नमक खाएं, इससे आपको भविष्य में थायरोइड की बीमारी भी नहीं होगी।

मरीजों को समय पर दवा लेना जरूरी: सुनील यादव

अब बारी आती है समय पर दवा लेने की। इसी मुद्दे पर फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने डेली इनसाइडर से ख़ास बातचीत की। उन्होंने बताया कि अच्छी जीवन शैली, नियमित व्यायाम, अच्छा खान-पान, नियमित चेकअप, अच्छा स्वास्थ्यवर्धक भोजन की मदद से शुगर और ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखकर, तनाव को दूर करके दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है। साथ ही मरीजों को समय पर दवा लेना भी जरूरी होता है। ब्लड प्रेशर और शुगर दोनों की दवाई लेने के लिए समय का निर्धारण आवश्यक है। चिकित्सक और फार्मासिस्ट के बताए हुए समय पर ही दवा ली जानी चाहिए, यदि समय से दवा नहीं ली गई तो उसके दुष्परिणाम होते हैं, साथ ही बीमारी घटने की बजाय बढ़ सकता है।

सुनील यादव, अध्यक्ष, फार्मासिस्ट फेडरेशन
सुनील यादव, अध्यक्ष, फार्मासिस्ट फेडरेशन

उन्होंने आम जनता को सलाह देते हुए कहा कि इन टिप्स को अपनाते हुए हम दवाओं को भूलने से बच सकते हैं, इसके लिए मरीज को चार बॉक्स बनाना होगा जो दवाई खाली पेट खानी है उसे एक बॉक्स में रखते हुए बॉक्स के ऊपर खाली पेट लिखना होगा, इसके साथ ही सुबह, दोपहर, शाम के तीन डिब्बे और बनाने होंगे, इसमें तीनों टाइम की दवाऐं अलग-अलग रखनी है, इसके अलावा कभी-कभी रात को सोते समय भी कुछ दवायें दी जाती हैं उन्हें अन्य दवाओं से अलग बॉक्स में बंद करके रखना होता है। समय से दवा लेने पर उसकी आवश्यक मात्रा शरीर में बनी रहेगी और यदि दवा समय के बाद या पहले ली जाती है तो कभी शरीर में मात्रा ज्यादा हो सकती है या मात्रा कम भी हो सकती है, जो नुकसानदायक होता है।

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