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दिव्‍या भारती: अभिनेत्री, जिसकी मौत की असली वजह अब तक नहीं आ सकी सामने

मनोरंजन डेस्‍क
दुनिया में कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जो अपनी सिर्फ एक झलक से ही उम्र भर के लिए मशहूर हो जाते हैं। भारतीय सिनेमा की दिवंगत अभिनेत्री दिव्या भारती भी उन कलाकारों में से ही एक रहीं। दिव्या अपने करियर को बनाने और फिल्म इंडस्ट्री पर छा जाने की इतनी जल्दी में थीं कि उन्होंने 16 साल की उम्र में अभिनय में कदम रखा और 19 साल की उम्र में इंडस्ट्री की सबसे ज्यादा सबसे महंगी अभिनेत्रियों में से एक बन गईं। उनकी जयंती पर आज हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ चौंकाने वाली कहानियां बताते हैं।
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अगर आप दिव्या भारती के प्रशंसक रहे हैं, तो आप यह जरूर जानते होंगे कि दिव्या की सिनेमा में शुरुआत तेलुगू फिल्म से हुई थी। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि दिव्या सिनेमा में 1988 में मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म ‘गुनाहों का देवता’ से शुरुआत करने वाली थीं, लेकिन अंत समय में फिल्म से उनके किरदार को ही खत्म कर दिया गया।

ऐसा ही एक और मौका दूसरे धोखे के रूप में दिव्या के पास आया, जब निर्माता कीर्ति कुमार ने दिव्या को ‘राधा का संगम’ फिल्म ऑफर की। इस फिल्म के लिए दिव्या को अभिनय और नृत्य की पूरी शिक्षा दी गई, लेकिन कुछ अनबन के कारण अंत समय में निर्देशक ने जूही चावला को फिल्म में ले लिया। जब उनसे दिव्या को बाहर करने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया के दिव्या का व्यवहार बच्चों जैसा है और फिल्म बहुत ही गंभीर है।
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दिव्या ने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत सनी देओल के साथ फिल्म ‘विश्वात्मा’ से की थी, जिससे उन्हें बड़ी सफलता हाथ लगी। लेकिन जब उन्होंने लॉरेंस डिसूजा की फिल्म ‘दिल का क्या कसूर’ की तो वह बहुत बड़ी फ्लॉप फिल्म रही। अपनी असफलता की सफाई देते हुए दिव्या ने कहा था, ‘मैं अपने आप को साबित करना चाहती हूं। अभी मैं नीचे गिर गई हूं, तो अब बारी है कि मैं फिर से शुरुआत से ऊपर चढूं। अगर मैं सकारात्मक सोच के साथ आगे बढूंगी, तो सफलता मेरे कदम चूमेगी।’

हिंदी सिनेमा में दिव्या की शुरुआत सनी देओल के साथ हुई। उसके बाद उन्होंने उस समय के सभी बेहतरीन कलाकारों सुनील शेट्टी, शाहरुख खान, ऋषि कपूर, गोविंदा आदि के साथ काम किया। ये तथ्य यह साबित करने के लिए काफी है कि दिव्या अपने काम में कितनी अच्छी थीं। अब जब दिव्या की शुरुआत हिंदी सिनेमा में हो चुकी थी, जो कि वह शुरुआत से ही चाहती थीं, उसके बाद भी दिव्या ने अपने तेलुगू प्रशंसकों को नाराज नहीं किया। उनका ख्याल रखते हुए वह हर साल एक या दो फिल्में तेलुगू में भी वह करती रहीं।

आपने फिल्म ‘लाडला’ तो देखी ही होगी जिसमें अनिल कपूर और श्रीदेवी मुख्य किरदार में हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि इस फिल्म की मुख्य अभिनेत्री दिव्या भारती थीं, जिन्होंने लगभग आधे से ज्यादा फिल्म की शूटिंग अनिल कपूर के साथ कर ली थी। दिव्या की अचानक मौत की वजह से वह फिल्म को पूरा नहीं कर पाईं और निर्माताओं ने इस फिल्म को फिर से शुरू से श्रीदेवी के साथ फिल्माया। इसके अलावा कर्तव्य, आंदोलन, दिलवाले, मोहरा और विजयपथ फिल्म की शूटिंग भी अधूरी रह गई थी।
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कुछ फिल्में ऐसी भी थीं जिनको दिव्या भारती ने साइन तो किया था लेकिन उनकी शूटिंग शुरू भी नहीं हो पाई थी। इसी वजह से वे फिल्में अब तक रिलीज भी नहीं हुईं। उन फिल्मों में अक्षय कुमार के साथ ‘परिणाम’, सलमान खान के साथ ‘दो कदम’, ऋषि कपूर के साथ ‘कन्यादान’, सनी देओल के साथ ‘बजरंग’ और जैकी श्रॉफ के साथ ‘चाल पे चाल’ थीं। पांच फिल्मों की शूटिंग जारी रहने के बावजूद पांच फिल्मों को उन्होंने साइन कर रखा था। यह इस बात की गवाही देता है कि अपने समय में दिव्या भारती की सिनेमा में कितनी बड़ी मांग थी।

दुनिया छोड़ने से पहले दिव्या ने ‘रंग’ और ‘शतरंज’ दो फिल्में पूरी कर दी थीं, जो उनकी मौत के बाद रिलीज हुईं। दिव्या ने इन फिल्मों की शूटिंग तो पूरी कर दी थी लेकिन इन फिल्मों की डबिंग का काम बाकी था। दिव्या की गैरमौजूदगी में यह काम दूसरे डबिंग कलाकार से करवाया गया। उन्होंने एक तेलुगू फिल्म ‘ठोली मुद्धू’ को भी अधूरा छोड़ा था जिसको बाद में अभिनेत्री रंभा ने पूरा किया। वह तेलुगू फिल्म ‘अल्लारी प्रेमीकूड़ु’ में भवानी का किरदार निभाने वाली थीं, लेकिन अचानक मौत हो जाने की वजह से इस फिल्म में वह किरदार रंभा ने अदा किया।

फिल्म ‘शोला और शबनम’ के समय में दिव्या फिल्म निर्माता साजिद नाडियाडवाला से मिलीं। दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया और एक व्यक्तिगत समारोह में उन्होंने शादी कर ली। शादी में दिव्या की दोस्त संध्या, संध्या के पति और एक काजी को शामिल किया गया था। चूंकि साजिद एक मुस्लिम हैं, इसलिए दिव्या ने भी शादी के बाद इस्लाम कुबूल कर लिया था। जिसके बाद दिव्या ने अपना नाम दिव्या भारती से बदलकर सना नाडियाडवाला रख लिया था।

दिव्या की मौत से पूरा सिनेमा जगत सकते में आ गया था। उनकी मौत के बाद उनके साथ काम कर चुके निर्देशक और निर्माताओं ने कहा था कि अगर दिव्या आज जिंदा होतीं तो वह माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी के जैसी एक बड़ी अभिनेत्री बन सकती थीं। फिल्म ‘रंग’ में दिव्या के साथ काम कर चुके तलत जानी ने कहा, ‘मुझे जैसे ही दिव्या की मौत की खबर मिली, तो मैं एक दम सन्न रह गया। यह मेरे लिए ऐसा था जैसे किसी ने बीच से दिव्या की जिंदगी को छीन लिया हो।’
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5 अप्रैल 1993 में शाम के वक्त दिव्या अपने घर की बालकनी से पांचवी मंजिल से नीचे गिर गईं, जिससे उनके सिर पर गहरी चोट आई और बाद में उनकी मौत हो गई। उस वक्त उनके घर में उनकी मेहमान नीता लुल्ला, नीता के पति श्याम और दिव्या की नौकरानी अमृता मौजूद थे। जब उन्हें अंदेशा हुआ कि कुछ हो गया है, तो उन्होंने जल्दी से एंबुलेंस को खबर कर दी। सिर पर गहरी चोटें आने और आंतरिक रक्त स्राव हो जाने की वजह से दिव्या को मृत घोषित कर दिया गया। उनकी मौत के कई कारण बताए गए, जिसमें उनका हद से ज्यादा नशा करना, घर में मौजूद मेहमानों का होना और साजिद के अंडरवर्ल्ड से कथित रिश्ते मुख्य थे। लेकिन, इसकी असली वजह कभी सामने नहीं आ पाई।

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