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सोशल मीडिया नहीं बदल सकता है,खरीदारी में युवाओं का मूड

सोशल मीडिया का प्रयोग आज के टाइम पर कई ज्यादा अधिक हो गया है छोटे बच्चे से लेकर एक बुजुर्ग तक सोशल मीडिया की जंजीरों में लिपटे नजर आते हैं. दिन के 24 घंटों में से युवा अपना 8 घंटा लगभग सोशल मीडिया पर बताता है ऐसे में सोशल मीडिया ऑनलाइन शॉपिंग ( online shopping ) का एक अच्छा माध्यम बन गया है. ऑनलाइन शॉपिंग ( online shopping ) करने के लिए सोशल मीडिया पर कई विज्ञापन चलते हैं जो युवाओं को और अन्य ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं ऑनलाइन खरीदारी करने से ऑफलाइन खरीदारी जितना झंझट नहीं होता है, इसलिए ज्यादातर लोग ऑनलाइन खरीदारी करना ही पसंद करते हैं साथ ही ऑनलाइन खरीदारी करने में सामान घर तक डिलीवर हो जाता है जिससे मेहनत कम लगती है.

online shopping

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लेकिन यह भी बात सच है कि सोशल मीडिया पर सबसे अधिक युवा ही एक्टिव होते हैं अगर आप 10 लोगों में से पूछेंगे तो 10 में से 9 लोग आपको यह जवाब जरूर दे देंगे कि हां हम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं लेकिन युवाओं के पास स्मार्टफोन से नीचे कोई फोन नहीं होता है युवा सोशल मीडिया का प्रयोग करते ही करते हैं वह बात अलग है कि कुछ प्लेटफार्म का इस्तेमाल ना करते हैं लेकिन 1- 2 प्लेटफार्म का इस्तेमाल युवा जरूर करते.

हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें इस बात का जिक्र किया गया था कि सबसे ज्यादा खबरें सोशल मीडिया के जरिए ही पढ़ी जाती है, हर न्यूज़ चैनल टीवी चैनल या अखबार सोशल मीडिया के जरिए ही अपनी खबरों को साझा करना पसंद करता है क्योंकि युवा सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय होते हैं सोशल मीडिया को लेकर एक और बात कही जाती है कि आज का युवा सोशल मीडिया से प्रभावित है यह सच भी है यह 100 फीसद हकीकत नहीं है.

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अगर युवाओं के विचार और सूचनाओं के मामले में बात की जाए तो यह सच साबित होगा कि सोशल मीडिया युवाओं को प्रभावित करता है लेकिन जब बात खरीदारी यानी शॉपिंग की आती है तो यह फार्मूला सोशल मीडिया का विफल हो जाता है फैशन के मामले में युवा हमेशा ही अलग करने के लिए तैयार रहते हैं और इस बात की पुष्टि हाल ही में एक सर्वे में की गई है.

की ऑनलाइन खरीदारी जिन का प्रचार सोशल मीडिया पर चलता है वह युवाओं का मूड बदलने में असफल रहते हैं. दरअसल अमेरिका के मैनहैटन स्थित एल आई एम कॉलेज द्वारा एक शोध किया गया है, जिसके नतीजे में यह साबित हुआ है कि अधिकांश बार उत्पादों का ज्ञापन युवाओं को अपनी और आकर्षित करने के लिए किया जाता है खासकर फैशन परिधान और एक्सरसाइज की खरीदारी के मामले में केवल 7 फीसद युवा ही ब्लॉगर्स और vlogers पर दी गई सलाह को गंभीरता से लेते हुए खरीदारी करते हैं. बाकी के बचे हुए 93 C7 का तरीका सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे किसी उत्पाद से प्रभावित नहीं होता है.

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वही 18 से 35 साल की उम्र के लोग नए तरीकों को ब्रांड से ज्यादा महत्व देना पसंद करते हैं भारत के अंदर आज के युवाओं की सोच अपने माता-पिता से काफी अलग होती है पर इसका प्रभाव उनकी खरीददारी में भी साफ देखने को मिलता है आज के युवाओं को पसंद है आम फैशन से अलग हटकर कुछ ऐसा पहनना जिसे देखकर लोग उन्हें कॉपी करें. उनकी कोशिश यह होती है कि जो उत्पाद उनके पास है वो किसी और के पास बिल्कुल भी ना हो.

रिसर्च करने वालों की माने तो प्रचार करने वालों को अपने तरीके में बदलाव करने की आवश्यकता है अगर वह युवाओं को विज्ञापनों से लुभाना चाहते हैं, अगर प्रतिस्पर्धा के बीच बड़े ब्रैंड से युवाओं को दिखाना हो तो उन्हें अपनी मार्केटिंग रणनीति और विज्ञापन के तरीके को बदलने की बहुत जरूरत है इसके लिए कंपनियों को एक ऐसा दिखाई देने वाला उत्पाद से भी बचना होगा।

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अमेरिका के साथ-साथ कई विकसित देशों में सोशल मीडिया को खरीदारी के तौर तरीके प्रभावित करने वाला माना जाता है लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं यहां के लोग फीडबैक के अलावा ब्लॉकर्स तथा वीडियो संदेशों से भी उत्पादों के प्रति अपनी राय तय करते हैं लेकिन फैशन उत्पादों पर इन सभी का प्रभाव न के बराबर होता है।

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