47 साल बाद रूस ने लॉन्च किया मून मिशन, चंद्रयान-3 से पहले हो सकती है लैंडिंग
चांद पर पानी खोजने की होड़, चंद्रयान-3 से 2 दिन पहले उतर सकता है लूना-25
मॉस्को: 47 साल बाद रूस ने चांद पर अपना मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है। ये यान चांद के साउथ पोल पर उतरेगा। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा पर पानी की खोज करना है। सन् 1976 के बाद रूस ने अब मून पर यान भेजा है, जिसे अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया है। यह जगह मॉस्को से लगभग 5,550 किमी ईस्ट में है।
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार, लूना-25 चांद की ओर निकल चुका है। ये पांच दिन तक चांद की ओर बढ़ता रहेगा। इसके बाद यह उसकी ऑर्बिट में 7-10 दिन चक्कर लगाएगा। लूना-25 21 या 22 अगस्त को चांद की सतह पर उतर सकता है। वहीं, भारत ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया था, जो 23 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा।
लूना- 25 का मकसद
सीएनएन के अनुसार, लूना-25 में लैंडर हैं। चार पैरों वाला लैंडर 800 किलोग्राम का है, जिसकी सॉफ्ट लैंडिंग की प्रैक्टिस करेगा। यह चांद की मिट्टी के नमूने लेने और उनका एनालिसिस करने का काम करेगा। साथ ही लंबे समय तक चलने वाले रिसर्च करेगा। यान को सोयुज 2.1B रॉकेट की सहायता से लॉन्च किया गया। यह रॉकेट लगभग 46.3 मीटर लंबा है। इसका डायमीटर 10.3 मीटर है। इसका वजन 313 टन है। चार स्टेज के इस रॉकेट ने लूना-25 लैंडर को धरती के बाहर एक गोलाकार ऑर्बिट में छोड़ दिया है।