
कहीं गेमिंग की दुनिया में खो ना जाए भारत का भविष्य
भारत के अंदर युवाओं में ऑनलाइन गेम्स ( online games ) का क्रेज़ कुछ ज्यादा ही बढ़ता जा रहा है युवा जब अपनी किशोरावस्था में कदम रखते हैं तो उनके हाथ में पकड़ाया गया स्मार्टफोन उनको एक अंधेरे रास्ते पर धकेल सकता है भारत में युवा रात भर मोबाइल के अंदर गेम खेल के अपनी रातों की नींद लुटा देता है। ऑनलाइन गेम के चक्रव्यू में आधी रात को जब सारी दुनिया नींद में होती है तब 16 साल तक के किशोर मोबाइल के जरिए ऑनलाइन गेम्स खेल रहे होते हैं।

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सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया भर के युवाओं का यही हाल है रात को ऑनलाइन होकर एक दूसरे से प्रतीक्षा करते हैं इन किशोरों को सिर्फ रैंकिंग चाहिए होती है बहुत से ऐसे गेम्स मार्केट में आ गए हैं जो युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं खासकर ऑनलाइन गेम्स में युवाओं का समय कब बीत जाता है युवाओं को इसका पता ही नहीं चलता है इसीलिए यहां पर हमने चक्रव्यू का शब्द इस्तेमाल किया है।
गेम्स की दुनिया में वह इस तरह खो गए हैं कि युवाओं के अंदर कई तरीके की बीमारी देखने को मिल रही है बीते कुछ सालों पहले पंजाब के अमृतसर में दो निजी अस्पतालों के अंदर ऑनलाइन गेमिंग ( online games ) की लत का शिकार तीन किशोर रिपोर्ट किए गए मिली जानकारी की मानें तो तीनों ही पब्जी नामक गेम काफी ज्यादा इस्तेमाल करते थे। भारत के अंदर इस गेम को फिलहाल 2021 में बंद कर दिया गया है यह गेम ऑनलाइन चलता है इसमें कई लोग एक साथ कनेक्ट होकर गेम खेल सकते हैं।
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ऑनलाइन गेम के शिकार बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है इसलिए कई साइकैटरिस्ट भी ऑनलाइन गेम से ज्यादा प्रभावित होना होने की सलाह देते हैं ऑनलाइन गेमिंग का शिकार एक बच्चे का ट्रीटमेंट कर रहे एक डॉक्टर बताते हैं कि यह बहुत ही खतरनाक खेल है ज्यादातर यूजेस इस गेम के लिए अपनी नींद कुर्बान कर देते हैं इसका विपरीत प्रभाव उनके शरीर पर पड़ रहा है किशोर सुबह उठ नहीं पाते इससे वह अनिंद्र वह तनाव का शिकार रहते हैं।
इसी के कारण युवाओं के अंदर परिवारिक दूरी देखने को मिल रही है वहीं उनके पेट की बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं स्कूल में उनका रिपोर्ट कार्ड भी खराब होता जा रहा है ऑनलाइन गेम्स में अट्रैक्टिव ग्राफिक्स पावरफुल साउंड और गेमिंग सेंसरिंग टेक्नोलॉजी यूजर्स को अपनी ओर इस कदर आकर्षित कर रही है की बच्चे एक बार खेलने के बाद खुद को रोक नहीं पाते।
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दो हजार अट्ठारह में की गई एक रिपोर्ट के अनुसार इस गेम के 5 करोड से भी ज्यादा डाउनलोड हो चुके थे मात्र इस बात से इस चीज का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस गेम की लत कितनी ज्यादा फैल चुकी है बरहाल भारत के अंदर यह गेम बंद हो चुका है लेकिन अभी भी कई लोग वीपीएन सेवा का इस्तेमाल करके इस गेम को खेलने में सफल हो जाते हैं इसके लिए सुबह से 5:00 बजे तक किशोर मोबाइल पर ही उलझे रहते हैं।