India Rise Special

क्या है वन धन योजना ? क्या है योजना की विशेषताएं?

भारत देश कई समुदायों, वर्गों और धर्मों का घर है। यही चीज इस पूरे देश को पूरी दुनिया से अलग बनाती है। भारत देश में बाकी कई देशों से कहीं अधिक भिन्नता मिलेगी। मानव अपने जीवन में उन्नति कर पाया है तो वह सिर्फ दुनिया भर में पेड़ पौधों के दिए हुए दान की वजह से। आज के इस आधुनिक समय में भी हम लोग ज्यादातर चीजों के लिए वनों के ऊपर निर्भर रहते हैं।

यह भी पढ़े : छत्तीसगढ़ : शहरों में संक्रमण दर में आई गिरावट, ग्रामीण क्षेत्रों में 300 फीसद तक बढ़ी 

Dhan Yojana

इसी वजह से वनों में रहने वाले लोग जिनको हम लोग आदिवासी कहकर पुकारते हैं की देखभाल करना भी हमारा ही कर्तव्य है। जिस प्रकार पूरे भारत देश में हम लोग बाकी सभी लोगों का ख्याल रखते हैं उसी प्रकार आदिवासी वर्ग का ख्याल रखना भी देश की ही जिम्मेदारी है। यही वजह है कि भारत के प्रधानमंत्री ने सभी वन्य वासियों यानी कि आदिवासियों के लिए खास तौर पर एक और नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम वन धन (Van Dhan Yojana) योजना है। नाम से ही साफ हो रहा है कि इस योजना में खासतौर पर वन में रहने वालों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाने वाली है। आज हम आपको प्रधानमंत्री की इसी योजना के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने वाले हैं।

क्या है वन धन योजना?

वन हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। जीने के लिए सबसे जरूरी चीज ऑक्सीजन भी हमको इन वनों से ही मिलती है तो इसी वजह से इन दोनों का ख्याल रखना भी हमारे लिए सर्वप्रथम कर्तव्य है। इन हवाओं में कई सारे लोग भी रहा करते हैं। वनों से ना केवल हम लोगों को ऑक्सीजन मिलती है बल्कि साथ ही साथ लकड़ी ,फल-फूल, आदि जैसे कई संसाधन भी प्राप्त होते हैं।

यह भी पढ़े : छत्तीसगढ़ : शहरों में संक्रमण दर में आई गिरावट, ग्रामीण क्षेत्रों में 300 फीसद तक बढ़ी 

क्योंकि यह वन हमारे लिए इतने आवश्यक हैं यही वजह है कि इनका ख्याल रखना भी हमारे लिए उतना ही जरूरी है। लेकिन इन दोनों का ख्याल आखिर रखता कौन है? इस काम के लिए भले ही ज्यादातर लोगों के जुबान पर सरकार का नाम आए लेकिन यह बात ही किसी से छुपी नहीं है कि वनों में रहने वाले आदिवासी समूह के लोग यानी कि जनजाति का इनका ख्याल रखने में सबसे बड़ा हाथ है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह जनजातियां वनों को अपना घर मानती है।

अपने घर को तो हर कोई अच्छी से रखता ही है। लेकिन फिर इन जनजातियों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाना सरकार का ही कर्तव्य है। यह जनजाति भी हमारे देश का ही हिस्सा है और सभी हमारे देश के नागरिक हैं। इसी वजह से सरकार के द्वारा वन धन योजना की शुरुआत की गई है।

van Dhan Yojana

इस योजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 अप्रैल 2018 को किया गया था। इसकी शुरुवात श्री बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के जन्म दिवस पर की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन धन योजना (Van Dhan Yojana) की शुरुआत छत्तीसगढ़ के बीजापुर से की थी। इस योजना के अंतर्गत से सरकार द्वारा आदिवासी उत्पादों के मूल्य संवर्धन के माध्यम से आदिवासी आय को बढ़ाने का उद्देश्य रखा गया है।

यह भी पढ़े : छत्तीसगढ़ : शहरों में संक्रमण दर में आई गिरावट, ग्रामीण क्षेत्रों में 300 फीसद तक बढ़ी 

क्या है योजना की विशेषताएं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना आदिवासी जनजातियों के लिए बहुत ही लाभदायक योजना है। यह योजना मुख्य तौर पर आदिवासी जनजातीय वर्ग के युवाओं के कौशल विकास हेतु शुरू की गई है।इसकी मदद से आदिवासी समाज के आर्थिक विकास एवं वन धन का समुचित उपयोग करने में जनजातीय समुदाय की क्षमता का उपयोग देश के विकास हेतु किया जाएगा।

भारत की केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का संचालन जनजातीय विकास मंत्रालय और ट्राइबल कोआपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन आफ इंडिया (The Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India )(TRIFED) के देख-रेख में किया जायगा। इस योजना के अनुसार जनजातीय युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। इसमें मुख्य तौर पर करीबन 300 जनजातीय युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

जनजातीय या आदिवासी युवाओं को इमली, महुआ भंडारण, कलौंजी की साफ़-सफाई एवं पैकेजिंग की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी । यही नहीं इसके साथ ही साथ प्राथमिक प्रसंस्करण इकाई एवं फसलों के मूल्य वर्धन से सम्बंधित जानकारी भी दी जायेगी।
केन्द्रों का निर्माण करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय कार्यरत होगा जो कि पूरे देश में 30,000 स्वयं सहायता समूह यानी कि सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHGs) स्थापित करेगा। यही नहीं इस योजना की सबसे मुख्य बात यह है कि यह वनों का विकास ही करेगा जिसमें पेड़ों के काटने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

यह भी पढ़े : छत्तीसगढ़ : शहरों में संक्रमण दर में आई गिरावट, ग्रामीण क्षेत्रों में 300 फीसद तक बढ़ी 

क्या हैं उद्देश्य?

सरकार ने इस योजना (Van Dhan Yojana) को पूरा करने के लिए छोटे छोटे लक्ष्य स्थापित किए हैं जिससे कि इस योजना का असली उद्देश्य पूरा हो पाए। इसके कुछ मुख्य उद्देश इस प्रकार है:

  1. 2020 में पूरे 3000 वन धन केंद्रों की स्थापना की जाएगी।

2.300 जनजातीय युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वह अपने काम करने में सक्षम हो सके और देश भर में फायदा उठा सकें।

  1. देश भर में 30,000 स्वयं सहायता समूह यानी कि सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHGs) स्थापित किए जाएंगे।

4.प्रत्येक केंद्र में 10 जन जातीय वर्ग के स्वयं सहायता समूह गठित किए जाएंगे और इन प्रत्येक समूह में 30 सदस्य शामिल होंगे।

किसको होगा लाभ?

इस योजना के अंतर्गत सभी वन में रहने वाले आदिवासियों को लाभ मिलेगा। भारत देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां पर वनों की वजह से वहां पर आदिवासी रहते हैं। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश , असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा ,गुजरात , हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक , मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड , ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु , तेलंगाना , त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल ,अंडमान और निकोबार द्वीप समूह , दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप, पुदुचेरी राज्यों में आदिवासी जनजातियां रहती हैं।

क्या हैं योजना के लाभ?

इस योजना के कई लाभ हैं:

  1. कार्यकुशलता में वृद्धि होगी
    इस योजना की मदद से वनों में रहने वाले युवाओं की कार्यकुशलता बढ़ेगी।
  2. आदिवासी क्षेत्र का विकास
    जन धन योजना की मदद से आदिवासी क्षेत्र का विकास होगा यानी कि आदिवासियों के लिए कई अधिक सुविधाएं मिलेंगी और साथ ही साथ वनों का भी विकास होगा।

3.आदिवासी वर्ग की आय में बढ़ोतरी होगी
आदिवासी वर्ग की आय में बढ़ोतरी की वजह से पूरे जनजातीय वर्ग की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

4.जनजातीय वर्ग के युवाओं को वन धन और ईंधन जैसे ईमली,महुआ के फूल के भंडारण, कलौंजी की सफाई ,लकड़ी एवं अन्य माइनर फारेस्ट प्रोडक्ट्स जैसे शहद, ब्रशवुड, केन्स,टसर तथा आदिवासी क्षेत्र में पायी जाने वाली अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों के रख-रखाव की ट्रेनिंग एवं मार्केटिंग से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

5.वनों का विकास करेगा
आदिवासी क्षेत्र के लोग अपने लोगों का विकास कर पाने में सक्षम होंगे तो फिर पूरे जंगल यानी कि वनों की रक्षा के लिए भी वो और ज्यादा तत्पर रहेंगे जिसकी वजह से वनों का भी विकास होगा।

कैसे करे आवेदन?

अगर आप इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा– http://trifed.in
इसी वेबसाइट पर आप इस योजना से जुड़ी अन्य किसी प्रकार की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं।
सरकार के अनुसार दी गई सूचना में कहा गया है कि यहीं पर आपको इसकी पूरी जानकारी मिलेगी। फिलहाल इस योजना के लिए दी गई यह वेबसाइट ठीक से काम नहीं करती है जो कि सरकार के किए हुए प्रयास और सतर्कता को दिखाती है। यह वेबसाइट भी ठीक से नहीं चल रही है जिसकी वजह से कई लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने यह योजना शुरू तो कर दी है लेकिन इसी के साथ-साथ इसके क्रियान्वयन के लिए अच्छी तरीके से देख रेख भी जरूरी है।

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: