
Tiktok की डूबती नाव को मिल सकता है सहारा, अमेरिकी ऑपरेशंस खरीदने जा रही है माइक्रोसॉफ्ट
भारत में प्रतिबंधित शार्ट वीडियो एप टिकटॉक के बिकने की चर्चा है। माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला इस डील के काफी करीब देखे गए हैं। ऐसी चर्चा है की टिकटॉक की कीमत 50 अरब डॉलर लगाई गई है। हालांकि अब कई अटकलों पर विराम लगाते हुए माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने यह साफ कर दिया है कि वो चीनी एप टिकटॉक (Tiktok) के अमेरिकी ऑपरेशंस को जल्द खरीद सकती है।
पिछले दिनों से कई दावे किए जा रहे थे कि टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस अपने अमेरिकी ऑपरेशंस को बेच रही है। जिसे माइक्रोसॉफ्ट खरीदने के लिए रेस में आगे दिखा है। हालांकि इस बात की अभी पुष्टि नहीं कि जा सकती है।
सीईओ बनने के बाद नडेला की डील्स
2014 में सीईओ बनने के एक साल के भीतर ही सत्या नडेला ने स्वीडिश खेल कंपनी माइनक्राफ्ट खरीदी थी। उसके बाद प्रोफेशनल-नेटवर्क साइट लिंक्डइन कॉर्प 24 मिलियन डॉलर में खरीदी थी। अब लोकप्रिय शार्ट वीडियो एप टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशंस को खरीदने के इच्छुक हैं। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टिकटॉक को बैन कर रहे हैं, लेकिन अब सब स्पष्ट है।
टिकटॉक के लिए बढ़ती जा रही हैं परेशानियां, भारत बना प्रेरणा
चीन के सबसे लोकप्रिय एप्स को सबसे ज्यादा आबादी वाले दूसरे नंबर के देश भारत ने बैन कर दिया है। यह काफी हद तक भारत के तीखे तेवरों से संभव हो सका है। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच टिकटॉक समेत कई चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद से अब विश्व के करीब 5 से 7 देशों ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर टिकटॉक के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। इसलिए अब टिकटॉक के सामने एक बड़ी परेशानी आ खड़ी है।
डेटा सुरक्षा को लेकर उठ रहे हैं सवाल
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की जब से टिकटॉक पर बैन लगाने की बात सामने आई है तब से माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने बाइटडांस में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है। लेकिन अभी भी डेटा सुरक्षा को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। वहीं माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का कहना है कि कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि अमेरिकी युजर्स का डेटा सुरक्षित ट्रांसफर किया जाए और सेफ रखा जाए। वर्तमान में संग्रहित डेटा को विदेशों में रखे डेटा से हटा दिया जाए। लेकिन इस बड़ी डील से पहले माइक्रोसॉफ्ट को अमेरिकी प्रशासन से बातचीत करनी पड़ सकती है।
टिकटॉक अपनी छवि को साफ करने की लगातार कर रहा है कोशिश
भारत में एप के प्रतिबंध के बाद से टिकटॉक लगातार अपनी छवि साफ करने की कोशिश में लगा है। टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर का कहना है कि Tiktok पारदर्शिता को लेकर प्रसिद्ध है। हमारा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है, और न ही हम राजनीतिक विज्ञापन स्वीकार करते हैं। हमारा उद्देश्य है सभी के आनंद के लिए जीवंत, गतिशील मंच देना। आज लगभग सभी देश टिकटॉक पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन हम किसी के दुश्मन नहीं हैं।