आदित्य L1 की ऑर्बिट ISRO ने दूसरी बार बढ़ाई, अब पृथ्वी से इसकी दूरी 40225 किमी
अब 10 सितंबर को तीसरी बार बढ़ाई जाएगी ऑर्बिट
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार (5 सितंबर) को रात 2.45 बजे आदित्य L1 स्पेसक्रॉफ्ट की ऑर्बिट दूसरी बार बढ़ाई है। अब ये पृथ्वी की 282 किमी x 40225 किमी की कक्षा में पहुंच गया है यानी उसकी पृथ्वी से सबसे कम दूरी 282 किमी और सबसे अधिक दूरी 40225 किमी है।
ISRO ने बताया कि इस ऑपरेशन को बेंगलुरु, मॉरीशस और पोर्ट ब्लेयर में बने ISTRAC/ISRO के ग्राउंड स्टेशंस ने ट्रैक किया गया। अब 10 सितंबर को रात लगभग 2.30 बजे तीसरी बार आदित्य L1 की ऑर्बिट बढ़ाने के लिए कुछ देर के लिए थ्रस्टर फायर किए जाएंगे।
2 सितंबर को लॉन्च किया गया था आदित्य L1
आदित्य L1 को 2 सितंबर की सुबह 11.50 बजे PSLV-C57 के XL वर्जन रॉकेट के माध्यम से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। लॉन्चिंग के 63 मिनट 19 सेकेंड बाद स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की 235 Km x 19500 Km की कक्षा में स्थापित कर दिया था। लगभग चार महीने बाद यह 15 लाख किमी दूर लैगरेंज पॉइंट-1 तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिससे यहां से सूरज पर आसानी से रिसर्च की जा सकती है।
आदित्य L1 का सफर
PSLV रॉकेट ने आदित्य को 235 x 19500 Km की पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा।
16 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा। 5 बार थ्रस्टर फायर कर ऑर्बिट बढ़ाएगा।
फिर से आदित्य के थ्रस्टर फायर होंगे और ये L1 पॉइंट की ओर निकल जाएगा।
110 दिन के सफर के बाद आदित्य ऑब्जरवेटरी इस पॉइंट के पास पहुंच जाएगा
थ्रस्टर फायरिंग के जरिए आदित्य को L1 पॉइंट के ऑर्बिट में डाल दिया जाएगा।