
सरकार अगर एमएसपी पर कानून बनाती है तो गाजी बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारी घर वापसी पर विचार करेंगे
जहां एक ओर कृषि कानूनों को रद करवाने की जिद पर अड़ा संयुक्त किसान मोर्चा, वहीं दूसरी ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने पर संशोधन के साथ नए कृषि कानूनों पर विचार करने की बात संयुक्त किसान मोर्चा के एक घटक संगठन भारतीय किसान यूनियन द्वारा कही है। उनका कहना है कि अगर एमएसपी की गारंटी पर कानून बनता है देशभर के किसानों को इससे फायदा मिलेगा।
नई दिल्ली। शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार छिल्लर ने कहा कि सात महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली के बार्डरों पर धरना दे रहे हैं। सरकार अगर कह रही है कि एमएसपी था, है, और रहेगा तो इसकी गारंटी का कानून बनाने की घोषणा करके क्यो नहीं दे देती है।
जिसके बाद प्रदर्शनकारी भी तीनों कृषि कानूनों को रद करवाने की जिद छोड़ देंगे और इसमें संशोधन करवाने पर विचार करेंगे। मानसून सत्र के दौरान अगर सरकार यह पहल करती है तो देशभर के सभी किसानों को फायदा होगा।
जिससे बार्डरों पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी भी खुश होकर अपने घरों और खेतों को वापस जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह इस तरफ भी ध्यान दें।
सुरेश छिल्लर ने कहा कि सरकार एमएसपी पर ही खरीद करती है, पर सरकार सिर्फ छह से 18 फीसद ही खरीद करती है, बाकी दरों पर आढ़ती खरीद करते हैं। जब सरकार फसल खरीद पर एमएसपी लागू करती है तो इस पर कानून बनाकर आढ़तियों को भी इस कानून के लिए बाध्य करना चाहिए।
कानून में यह लिखा होना चाहिए कि एमएसपी से कम की दरों पर खरीद नहीं होगी। अगर कोई भी एमएसपी से कम दरों में खरीद करता है तो उसके लिए सजा या जुर्माने का प्रविधान होना चाहिए।
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