मजदूरों के पलायन ने बढ़ाई दिल्ली सरकार की चिंता, खाने-पीने का इंतजाम करेगी सरकार
संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया था जिसका आज पहला दिन था आपको बता दें कि सबसे बड़ी चिंता की एक बार फिर से बात शुरू हो गई जैसे पिछले साल शुरु हुई थी दरअसल लॉकडाउन लगने के बाद से ही मजदूरों ने पलायन ( Exodus of laborers) शुरू कर दिया था जिसके कारण बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर काफी भीड़ उमड़ने लगी थी बीते दिन से ही बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अब दिल्ली छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं इस संकट को देखते हुए मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल की बैठक हुई.
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उपराज्यपाल अनिल बैजल ने निर्देश दिए हैं कि मजदूरों में किसी तरह का पैनिक ना हो, इस तरह की व्यवस्था की जाए. अब राज्य सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों के लिए अलग-अलग तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी. जिन मजदूरों को रहने की दिक्कत है, उनके लिए रैन बसेरों का प्रबंध किया जाएगा, सूत्रों से मिली जानकारी की माने तो सरकार की ओर से खाने की व्यवस्था भी करवाई जाएगी. मजदूरों की समस्या से निपटने के लिए नोडल ऑफिसर की भी नियुक्ति की गई है.
सरकार ने फिर लोगों से शहर ना छोड़ने की अपील की है, पूरे दिन नज़र रखने के बाद शाम को एक बार फिर मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की बैठक हो सकती है.
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वही सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में अब औसतन 25 हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं. हर रोज 1000 बेड्स बढ़ाने की कोशिश है, लेकिन मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वैक्सीनेशन को लेकर सत्येंद्र जैन बोले कि 1 मई से सेंटर्स की संख्या को बढ़ा दिया जाएगा, हमारे पास वैक्सीन खरीदने के लिए बजट तैयार है.