
देश के कई हिस्सों से कांग्रेस पार्टी कमजोर पड़ती देखी जा रही है हालांकि अभी भी कुछ राज्यों में कांग्रेस की सरकार है लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता अब कांग्रेस छोड़के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते जा रहे हैं । बीते कुछ सालों से ऐसा लगातार होता देखा जा रहा है आपको बता दें कि पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे जिसके बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था क्योंकि सिंधिया कांग्रेस पार्टी के बड़े चेहरे थे, ठीक उसी प्रकार जितिन प्रसाद भी कांग्रेस के एक अहम चेहरे थे लेकिन उन्होंने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ के कमल का दामन पकड़ लिया है।

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आपको बता दें कि जितनी प्रसाद कांग्रेस पार्टी के पूर्व केंद्र मंत्री रहे हैं,जितिन प्रसाद आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं । भारतीय जनता पार्टी ने भी उनका स्वागत किया है, दरअसल केंद्र मंत्री पीयूष गोयल ने जितिन प्रसाद को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करवाया है । उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले यह एक बड़ा सियासी उलटफेर साबित हो सकता है। क्योंकि जितिन प्रसाद को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करने के बाद केंद्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यूपी की राजनीति में जितिन प्रसाद की अहम भूमिका होने वाली है, इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव 2022 में किस हद तक खुद को देख रही है।
वहीं कांग्रेस पार्टी छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि मैंने 7-8 साल का अनुभव किया है कि असल मायने में कोई संस्थागत राजनीतिक दल है तो वह भारतीय जनता पार्टी है, बाकी दल वह व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस वक्त देश को चुनौतियां और परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है उससे निपटने के लिए अगर कोई उपयुक्त दल है तो वह भारतीय जनता पार्टी है और कोई उपायुक्त नेता है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, कांग्रेस में मैं अपने लोगों की सेवा नहीं कर पा रहा था मुझे उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से मैं लोगों की सेवा कर सकूंगा।
आखिर कौन है जितिन प्रसाद ?
कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता जिन प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज नेता जीतेंद्र प्रसाद के बेटे हैं, जीतेंद्र प प्रसाद दो बार प्रधानमंत्रियों ( राजीव गांधी और नरसिम्हा राव ) के राजनीतिक सलाहकार रह चुके थे, 2000 में जीतेंद्र प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ा था लेकिन वह हार गए थे, 2001 में जितिन प्रसाद का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को जितिन प्रसाद ने संभालना शुरू किया, 2001 में वह इंडियन यूथ कांग्रेस से जुड़ गए और 2004 में जिन प्रसाद शाहजहांपुर सीट से जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे। यूपीए-1 की सरकार में जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बना दिया गया. वह मंत्री बनने वाले सबसे युवा चेहरों में से एक थे.
2009 में जितिन प्रसाद, धौरहरा लोकसभा सीट से लड़े और जीते. यूपीए-2 में जितिन प्रसाद को पेट्रोलियम और सड़क-परिवहन जैसे अहम मंत्रालय की बतौर राज्य मंत्री जिम्मेदारी मिली थी. 2014 का चुनाव जितिन प्रसाद हार गए. इसके बाद से ही जितिन प्रसाद के राजनीतिक सितारे गर्दिश में चल रहे थे.
कांग्रेस हाईकमान से थे नाराज
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जितिन प्रसाद कांग्रेस के एक बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर देखे जाते है, जितिन प्रसाद बीते कई समय से कांग्रेस पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे थे वह कांग्रेस में तवज्जो ना मिलने और यूपी कांग्रेस में कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके थे जितिन प्रसाद की शिकायत को पार्टी हाईकमान ने नजरअंदाज कर दिया था यही वजह है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया ।
यूपी चुनाव में भाजपा के लिए अहम होंगे जितिन?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अगले साल यानी 2022 में होने वाले हैं इससे पहले भारतीय जनता पार्टी अपने सभी सियासी सीमा करण को दुरुस्त करने में जुट गई है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी से ब्राह्मण तब का नाराज चल रहा है यह नाराज की खास तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी जितिन प्रसाद को शामिल करके ब्राह्मणों के बीच बड़ा संदेश देना चाहती है।
क्या बोले सिंधिया ?
जितिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि वह पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह के नेतृत्व में बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. वह मेरे छोटे भाई हैं और मैं उनके लिए खुश हूं.’ सचिन पायलट पर सिंधिया ने कहा, ‘पायलट के साथ मेरा रिश्ता निजी है और मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता कि बीजेपी के अंदर क्या हो रहा है.’