
स्वामित्व योजना
जब आपको इस जमीन खरीदते हैं तो उसके सारे कागजात आप संभाल कर रखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आप की जमीन आपकी पूंजी होती है। यदि आपके पास आपके जमीन के सही कागजात नहीं है तो आपके पूंजी खतरे में पड़ सकती है और कोई और उस पर अपना मालिकाना हक भी जता सकता है। इसके बाद आपको कई बार कोर्ट कचहरी के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। भारत देश में ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में यही होता है।
ग्रामीण इलाकों में लोगों को पूंजी उनको विरासत में मिलती है। इसी वजह से कई बार उनके पास उनकी जमीनों के सही कागजात नहीं होते हैं। इसी के चलते उनकी जमीनों पर विवाद छिड़ा रहता है। लेकिन सरकार के लिए तो देश भर की जमीनों का रिकॉर्ड रखना आवश्यक है और इसीलिए इसके साथ ग्रामीण इलाकों की जमीनों का रिकॉर्ड भी अति आवश्यक है।
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सरकार ने लोगों को खासकर के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक नई स्कीम निकाली है ताकि वह इस विवाद से छुटकारा पाने में सक्षम हो सके। इस स्कीम का नाम स्वामित्व योजना (Swamitva Yojana) है। आज हम आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं ताकि आप भी इससे लाभान्वित हो सके।

क्या है स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना (Swamitva Yojana) का शुभारंभ भारत देश की केंद्र सरकार ने किया है। सरकार ने ग्रामीण इलाकों की जमीन का रिकॉर्ड रखने के उद्देश्य से स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी। भारत देश में कई ऐसे इलाके होते हैं जिनको आबादी इलाका कहा जाता है। यह आबादी लाके वह इलाके होते हैं जहां पर लोगों के पास उनकी जमीन के मालिकाना हक नहीं होते हैं। यानी कि वह वहां पर है तो रहे होते हैं लेकिन उनके पास उनकी जमीन के लिए कोई सबूत या फिर कागजात नहीं होते हैं। ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों की जमीनें पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचती जाति है। भारत की सरकार ने इसी तरीके की जमीनों पर लोगों को उनका मालिकाना हक दिलाने में मदद करने के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को पंचायती राज दिवस के मौके पर स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी। पंचायती राज दिवस के मौके पर इस योजना का लक्ष्य संपत्ति का रिकॉर्ड बनाना तथा उसका स्वामित्व तय करना था।
आधुनिकता के इस दौर में सरकार भी इस योजना को फलीभूत करने के लिए आधुनिक तरीके से काम करेगी। सरकार के अनुसार ग्रामीण इलाकों के पैमाइश के लिए इलेक्ट्रॉनिक ड्रोन का इस्तेमाल करेंगी। इसकी वजह से जमीन पर किस का मालिकाना हक होगा यह बात स्पष्ट हो जाएगी।
क्या हैं योजना के तहत फायदे?
भारत सरकार के स्वामित्व योजना (Swamitva Yojana) ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होने वाली है यही नहीं इसे के साथ-साथ यह सरकार के लिए भी काफी फायदेमंद होगी। इस योजना की मदद से ग्रामीण इलाकों में जमीनों की ऑनलाइन देख रेख भी हो सकेगी।
योजना के कुछ फायदे इस प्रकार हैं –
- मिलेगा मालिकाना हक़ –
भारत देश के ग्रामीण इलाकों में लोगों की जमीनों की ऑनलाइन पैमाइश होगी जिसके बाद उनको एक कार्ड दिया जाएगा। और इसके बाद उनको उस जमीन का मालिकाना हक प्राप्त हो जाएगा। इस कार्ड का नाम संपत्ति कार्ड होगा। - ऑनलाइन देख सकेंगे काम –
स्वामित्व योजना से सभी ग्राम समाज के काम ऑनलाइन हो जाएंगे जिससे सारे कार्य आसान हो जाएंगे। ऑनलाइन होने की वजह से लोग अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन देखपाने में सक्षम होंगे। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर जमीन का ब्यौरा मुहैया करवाया जाएगा। - ले सकेंगे बैंकों से कर्ज़ –
जब ग्रामीण लोगों को संपत्ति कार्ड प्राप्त हो जाएगा तो वह उनके लिए एक तरीके से जमीन के कागजातों की तरह से काम करेगा। यह संपत्ति कार्ड ही ग्रामीणों को बैंकों से कर्ज लेने में मदद करवाएगा। - जमीन की खरीद फरोख्त आसान –
संपत्ति कार्ड मिलने से लोग जमीन खरीद भी पाएंगे और अपनी जमीन बेच भी पाएंगे। जिन लोगों के पास संपत्ति कार्ड या फिर जमीन के कागजात नहीं हुआ करते थे उनकी जमीन का उचित दाम नहीं मिला करता था लेकिन संपत्ति कार्ड उनके लिए कानूनन कागजातों की तरह काम करेगा जिसके बाद वह जमीन के सही दामों के साथ उसे बेच भी पाएंगे। यह लोगों के लिए काफी फायदे वाली बात है। - राज्य तय कर सकती है सर्कल रेट –
संपत्ति कार्ड पर लोगों की संपत्ति का ब्यौरा होने के बाद राज्य सरकार वहां की आबादी वाले इलाके का सर्कल रेट भी तय कर सकती है। - सरकार को मिलेगा प्रॉपर्टी टैक्स –
जिन इलाकों को पंजीकृत नहीं करवाया जाता था वहां लोगों को किसी प्रकार का प्रॉपर्टी टैक्स भी नहीं देना पड़ता था। इसका मतलब यह है कि अगर आप की प्रॉपर्टी का कोई कागजात नहीं है या वह कानूनी पंजीकृत नहीं है तो आपको प्रॉपर्टी टैक्स नहीं देना पड़ेगा। जब सरकार सभी को संपत्ति कार्ड प्रदान कर देगी इसके बाद उन लोगों से प्रॉपर्टी टैक्स भी वसूल सकेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ ग्राम पंचायतों की ओर से जितना प्रॉपर्टी टैक्स लिया जाना चाहिए, उसका केवल 19 फ़ीसदी ही वसूल किया जाता है।
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कैसे होगा सर्वे?
भारत की सरकार स्वामित्व योजना के तहत इस सर्वे को करेगी। सरकार इस सर्वे को ड्रोन के माध्यम से करेगी। दरअसल भारत देश में ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास छोटे-छोटे जमीन के टुकड़े हैं जिसका साधारण तरीके से सर्वे करना काफी महंगा पड़ सकता है इसी वजह से सरकार ने डिजिटलाइजेशन के तहत यह मुहिम शुरू की।
सर्वे की प्रक्रिया के दौरान ग्राम पंचायत के सदस्य, राजस्व विभाग के अधिकारी, गांव के जमीन मालिक तथा पुलिस की टीम सर्वे को अंजाम देने के लिए मौजूद रहती है। लोग आपसी सहमति से अपनी अपनी जमीन पर दावे करते हैं। जिससे कि लोगों को अपने दावे की जमीन प्रदान की जा सके। इसके पश्चात उनकी जमीन पर निशानदेही की जाती है।
जमीन का मालिक चूना लगाकर अपने क्षेत्र पर घेरा बनाकर अपनी जमीन पर अपना दावा किया करता है और इसके बाद इसकी तस्वीर ड्रोन से खींची जाती है। यह ड्रोन पूरे गांव में घूमता है और इस प्रक्रिया को अंजाम देता है। इसके पश्चात कंप्यूटर ग्राफिक्स की सहायता से जमीन का नक्शा तैयार किया जाता है।
यदि गांव में किसी को संपत्ति के लिए अपनी आपत्ति दर्ज करवानी होती है तो उसको 15 दिन न्यूनतम समय दिया जाता है और अधिकतम 40 दिन का समय दिया जाता है।