योगी सरकार का प्लान तैयार, महर्षि भारद्वाज के आश्रम का होगा कायाकल्प
विरासत को सम्मान देने की कड़ी में बड़ा उदाहरण बनेगा महर्षि भारद्वाज के आश्रम का कायाकल्प
लखनऊ: प्रयागराज के प्रथम निवासी और प्राचीन भारतीय विमान निर्माण कला पर आधारित वैमानिक शास्त्र जैसे महान वैज्ञानिक ग्रंथों के रचयिता एवं सप्तऋषियों में से एक महर्षि भारद्वाज के आश्रम का कायाकल्प मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर होने जा रहा है। संगम नगरी में महर्षि भारद्वाज का आश्रम सदियों से भारत की सनातन संस्कृति के प्रवाह को अक्षुण्ण बनाये रखे हुए है। योगी सरकार अब महर्षि भारद्वाज के आश्रम का दो चरणों में पुनरुद्धार करने जा रही है। प्रदेश के ऐतिहासिक धरोहरों का कायाकल्प करते हुए विरासत को सम्मान देने की कड़ी में ये कार्य भी बड़ी लकीर साबित होगा।
जोन 1 एवं जोन 2 में बांटकर होगा कार्य
महर्षि भारद्वाज के आश्रम के पुनरुद्धार के लिए योगी सरकार जोन 1 और जोन 2 में बांटकर कार्य करने जा रही है। इसमें जोन 1 के अंतर्गत सड़क के चौड़ीकरण का कार्य, हिन्दू मंदिर शैली पर आधारित चाहरदीवारी, ऋषि भारद्वाज की कहानी के साथ चाहरदीवारी के मेहराबों में दीवार पर भित्तिचित्र की स्थापना, बाउंड्री वाल की रेलिंग को टेराकोटा से निर्मित किया जाना, फुटपाथ निर्माण, छाया सहित बैठने के लिए बेंच निर्माण, पर्याप्त मात्रा में डस्टबिन, मार्ग प्रकाश के लिए लैंप, दुकानों का नवीनीकरण, शौचालय का नवीनीकरण, मुख्य द्वार का निर्माण, पार्किंग स्थल, रामलीला मैदान चबूतरा का नवीनीकरण, क्यूआर कोड वाले बहुभाषी ऑडियो गाइड का कार्य कराया जाएगा।
आश्रम परिसर में मौजूद सभी मंदिरों का होगा कायाकल्प
इसी प्रकार जोन 2 में भव्य प्रवेश द्वार, मुख्य मंदिर पर हिन्दू वास्तुकला पर आधारित अर्धमंडप, भारद्वाज आश्रम परिसर में स्थित सभी मंदिरों को पुनरुद्धार, हिन्दू वैदिक ज्यामितीय पर आधारित फर्श निर्माण, विमाननशैली पर आधारित पाथवे तथा लॉन का निर्माण, श्रद्धालुओं के लिए जूता रैक और आवश्यक सुविधाओं के लिए शेड की स्थापना, वाटर बॉडी, कीर्तन स्थल, उद्यान का सौंदर्यीकरण, बाउंड्रीवॉल में टेराकोटा और रेड सैंड स्टोन की रेलिंग, चाहरदीवारी में मूर्तिकला, भारद्वाज आश्रम की स्थापना से संबंधित भित्तिचित्रों का निर्माण कार्य किया जाना है। जोन 2 में जिन मंदिरों का पुनरुद्धार होना है उनमें सिद्धनाथ महादेव मंदिर, प्रयागराज मंदिर, मां सती कुंड, भरत कुंड, ऋषि याज्ञवल्क्य मंदिर, भारद्वाज जी का मुख्य मंदिर, व्यास मुनि, सत्यनारायण मंदिर, त्रिपुरारी महादेव मंदिर, भोला भंडारी मंदिर, मां दुर्गा मंदिर, नवग्रह मंदिर, पंचमुखी मंदिर, शिवजी और भारद्वाज जी मंदिर शामिल हैं।
हिंदू वास्तुकला का रखा जाएगा विशेष ध्यान
प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन मुकेश मेश्राम के अनुसार भारद्वाज मंदिर परिसर में मौजूद सभी मंदिरों में हिन्दू वास्तुकला का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा मुख्य मंदिर पर हिन्दू वास्तुकला पर आधारित अर्धमंडप का निर्माण किया जाएगा। साथ ही हिन्दू वैदिक ज्यामितीय पर फर्श का निर्माण होगा और विमानन शैली पर आधारित पाथवे और लॉन का निर्माण कार्य कराया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है।
विरासत के सम्मान का बड़ा उदाहरण बनेगा भारद्वाज आश्रम का कायाकल्प
वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम आज देश ही नहीं पूरी दुनिया में विरासत के सम्मान का अनुपम उदाहरण बन चुका है। इसके अलावा मीरजापुर में विंध्य कॉरीडोर निर्माणाधीन है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। पूरे ब्रज क्षेत्र में एक बार फिर द्वापर युग के वैभव को लौटाने का प्रयास हो रहा है। कह सकते हैं कि भारत की सनातन परंपरा से जुड़े विरासत स्थलों के गौरव को पुनर्स्थापित करने का कार्य योगी राज में तेजी के साथ हो रहा है। इसी कड़ी में एक और बड़ा कार्य प्रयागराज में महर्षि भारद्वाज के आश्रम के पुनरुद्धार का है, जो आने वाले समय में विरासत के सम्मान का बड़ा उदाहरण साबित होगा।