योगी सरकार अब 2500 देसी गाय, 8000 पुरस्कार और 35 डेयरी करेगी स्थापित
नन्द बाबा मिशन के तहत लांच की गईं तीन योजनाओं पर खर्च की जाएगी धनराशि
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने एवं देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के साथ नस्ल सुधार में जुटी योगी सरकार ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत लांच तीन योजनाओं का एक्शन प्लान जारी कर दिया है। इसके तहत योगी सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वित्तीय वर्ष के शेष 5 माह में करीब 31 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इनमें मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना और मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के लिए 10-10 करोड़ और नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत योगी सरकार 11 करोड़ खर्च करेगी। योजना के तहत योगी सरकार ढाई हजार देसी गाय, 8 हजार पुरस्कार और 35 डेयरी स्थापित करेगी।
पहले चरण में 2500 देसी गायों की खरीद पर दे रही सब्सिडी
दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना का लाभ लेने के लिए अभ्यर्थी 17 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए लाभार्थी को अपने शहर के विकास भवन में संपर्क करना होगा, जहां पर सीडीओ सारी जानकारी देने के साथ फॉर्म भरवाने और योजना का लाभ दिलाने में हर संभव मदद करेंगे। वहीं विभाग की ओर से चयनित अभ्यर्थियों की सूची 25 अक्टूबर को जारी कर दी जाएगी। पहले चरण में योजना का लाभ प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालय के जनपदों के लाभार्थी ही उठा सकते हैं। इन जनपदों में योजना के सफल होने पर इसे पूरे प्रदेश के जनपदों में लागू किया जाएगा।
विभाग की ओर प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालय के प्रति जनपदों में कम से कम 56 लाभार्थियों के चयन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि अधिकतम 112 गायों की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह इस वित्तीय वर्ष प्रति जनपद 138 से 140 गाय खरीदने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि मंडल मुख्यालय के सभी जनपदों में कुल 2500 गाय खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए योगी सरकार 10 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह धनराशि लाभार्थी के खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे भेजी जाएगी।
35 लाभार्थियों को करीब 11 करोड़ का अनुदान देगी सरकार
मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना में आवेदन की अंतिम तारीख 20 सितंबर रखी गयी थी, लेकिन इस डेट को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। दुग्ध आयुक्त ने बताया कि 16 अक्टूबर को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र से हरी झंडी मिलते ही नयी डेट जारी की जाएगी। फिलहाल विभाग की ओर से चयनित अभ्यर्थियों की सूची 25 अक्टूबर को जारी करने की डेट निर्धारित की गयी है, लेकिन इसे भी आगे बढ़ाया जा सकता है। इस योजना को प्रदेश के सभी जिलों में लागू कर दिया गया है।
योजना के तहत हर जिले से 27 लाभार्थियों के चयन का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में प्रोत्साहन राशि को दो श्रेणियों में रखा गया है, पहली श्रेणी में दस हजार और दूसरी श्रेणी में पंद्रह हजार प्रोत्साहन राशि रखी गयी है। ऐसे में इस वित्तीय वर्ष प्रति जनपद 106 से 107 पुरस्कार प्रदान करने का वार्षिक लक्ष्य रखा गया जबकि पूरे प्रदेश में आठ हजार पुरस्कार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए योगी सरकार 10 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह धनराशि लाभार्थी के खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे भेजी जाएगी।
पहले चरण में 10 शहरों में लागू होगी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना
इसी तरह नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना को पहले चरण में प्रदेश के दस शहरों (अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, झांसी, मेरठ, आगरा और बरेली) में भी लागू किया गया है। योजना के लिए चयन समिति का गठन किया जा चुका है। वहीं लाभार्थी के आवेदन की अंतिम तिथि 5 अक्टूबर रखी गई है जबकि समिति की ओर से 20 अक्टूबर तक सत्यापन की रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जाएगी। योजना के तहत पहले चरण में 10 जिलों में से प्रति जिला 3 से 4 लाभार्थी का चयन किया जाएगा जबकि पहले चरण में कुल 35 लाभार्थियों को चयन किया जाएगा। इसके लिए योगी सरकार 11 करोड़ खर्च करेगी।
योजनाओं के तहत दिया जा रहा अनुदान
गौरतलब है कि योगी सरकार मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना के तहत दूसरे राज्यों से उन्नत नस्ल की स्वदेशी गायों (गिर, साहीवाल, थारपारकर एवं हरियाणा प्रजाति) की खरीद पर अधिकतम 40,000 रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। इसी तरह मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के तहत स्वदेशी नस्ल प्रगतिशील गौपालकों को निर्धारित स्लैब के मानक के अनुसार 10 से 15 हजार की प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है।
वहीं, नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए 25 गायों की डेयरी स्थापित करने पर अधिकतम 31.25 लाख रुपये प्रति इकाई अनुदान दिया जा रहा है। मालूम हो कि योगी सरकार ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने एवं देसी नस्ल की गायों की सुधार के लिए एक हजार करोड़ का बजट एलाट किया है।