
10वीं के रिजल्ट को लेकर हाईकोर्ट ने CBSE व केंद्र सरकार से मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें दसवीं बोर्ड परीक्षा 2021 के अंक के सारणीकरण के लिए चल रही नीति में संशोधन करने की बात कही गई थी, इस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई व केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। इसकी जानकारी समाचार एजेंसी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके दी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीबीएसई बोर्ड द्वारा जब दसवीं की परीक्षाओं को रद्द किया गया था तो इस बात की घोषणा की गई थी कि कक्षा 10 के छात्रों के रिजल्ट का मूल्यांकन प्रत्येक विषय के लिए कुल 100 अंकों में से ही किया जाएगा 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन से होगा जबकि 80 की गणना साल भर में आयोजित विभिन्न परीक्षाओं से की जाएगी। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि अंक दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में स्कूल के पिछले प्रदर्शन के अनुरूप होने चाहिए।
दिल्ली सरकार ने क्या दिया था निर्देश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपने सभी स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2020 21 के दौरान आयोजित की गई प्री बोर्ड परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन परीक्षाओं के आधार पर कक्षा 10 के छात्रों का मूल्यांकन करने के निर्देश दिए थे वहीं जिन लोगों ने प्री बोर्ड परीक्षाओं में भाग नहीं लिया था उनसे अंतिम परिणाम तैयार करने के लिए टेलीफोन पर बात करके मूल्यांकन करने के लिए कहा गया था।
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बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के कारण स्कूल द्वारा मार्च और अप्रैल 2021 के महीने में केंद्र रूप से आयोजित प्री बोर्ड की परीक्षा में छात्र द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर स्कूल द्वारा 80 अंकों का मूल्यांकन किया जाएगा इसके अलावा सीबीएससी ने निर्देश के अनुरूप दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों को परिणामों को अंतिम रूप देने के लिए एक परिणाम समिति गठन करने के लिए कहा था।