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क्या है पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना
भारत देश में काम करने वाले श्रमिक यानी कि मजदूरों के लिए भारतीयों के मन में अच्छी सोच नहीं होती है। इन मजदूरों को मात्र एक साधारण कर्मचारी की तरह देखा जाता है और इनसे जो मन चाहे वह काम करवा लिया जाता है। कहीं-कहीं पर इनकी ठीक से देखभाल भी नहीं होती है जिसकी वजह से इन्हें कई बीमारियां घेर लेती हैं। कई ऐसे काम होते हैं जो कि लोग मजदूरों से बिना किसी सेफ्टी के करवा लेते हैं। इसी वजह से भारत देश में मजदूरों यानी कि श्रमिकों की हालत दयनीय हो गई है। श्रमिकों के इन्ही हालात को बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम है श्रमेव जयते योजना (Pandit Deendayal Upadhyaya Shramev Jayate Yojana)। इस आर्टिकल में आज आपको हम इसी योजना के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। इसी के साथ आप इस योजना का किस प्रकार से फायदा उठा सकते हैं हम आपको यह भी बताएंगे।
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क्या है श्रमेव जयते योजना?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुधा अक्टूबर 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना (Pandit Deendayal Upadhyaya Shramev Jayate Yojana) की शुरुआत की थी। इस योजना का आरंभ करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमारे भारत देश को श्रम की अत्यधिक आवश्यकता है और इसी वजह से श्रम को उचित दर्जा देने की भी जरूरत है।
इसलिए श्रमिकों के प्रति अपने नजरिए को बदलने का भी समय आ गया है। श्रमेव जयते योजना का मुख्य उद्देश्य श्रम कानूनों में बदलाव लाना है। यह बदलाव श्रमिकों के हित में होने वाला है। इसी के साथ श्रम प्रक्रिया को बेहतर बनाना भी इस योजना का उद्देश्य है।प्रधानमंत्री ने ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते’ योजना के प्रारंभ के साथ ही साथ ‘श्रम सुविधा’ पोर्टल की शुरुआत की है। इसी के साथ श्रम जांच कार्यक्रम और भविष्य निधि जमा करने वाले कर्मचारियों के लिए बैंकों में एक समान अकाउंट की शुरुआत भी की है।
इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सरकारी सहायता को बढ़ाना है। विनिर्माण क्षेत्र को और प्रोत्साहित करने के लिए और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का समर्थन करने के लिए श्रमेव जयते योजना शुरू की गई थी ।श्रमेव जयते योजना के तहत ऐसे कदम उठाए जाएंगे जो व्यवसाय करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सक्षम होंगी।
क्या हैं पहल?
श्रमेव जयते योजना के आवंटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई पहले की है। इस के पांच प्रमुख पहले कुछ इस प्रकार हैं–
1.श्रम सुविधा पोर्टल–
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के तहत सभी योजनाओं का डिजिटलाइजेशन करना भी जरूरी समझा है। यही वजह है कि समीर जैसे योजना का भी एक पोर्टल बनाया गया है और यह पोर्टल श्रम सुविधा पोर्टल है।यह करीब 6 लाख इकाइयों को श्रम पहचान संख्या आवंटित करेगा। इसके बाद यह पोर्टल उन्हें 44 श्रम कानूनों में से 16 के लिए ऑनलाइन स्वीकृति दायर करने की इजाजत देगा। इसकी मदद से अब इकाइयों को 16 अलग रिटर्न दायर करने के बजाय सिर्फ एक रिटर्न ऑनलाइन दायर करना होगा।
इसी के साथ श्रम निरीक्षकों को इस पोर्टल पर अपनी रिपोर्ट भी देनी होगी। श्रम निरीक्षकों द्वारा 72 घंटे के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य होगा। इसे पोर्टल पर सभी श्रमिक अपनी शिकायतें भी दर्ज करा सकेंगे जिसके वजह से सही समय पर शिकायतों का निवारण भी हो सकेगा।
2. श्रम निरीक्षण योजना–
पहले निरीक्षण का समय सही से नहीं होता था लेकिन पोर्टल के आने के बाद अब निरीक्षण का समय पहले से ही निर्धारित किया जा सकेगा। इसमें निरीक्षण की एक कंप्यूटराइज्ड सूची भी दी जाएगी।
डेटा और साक्ष्यों के आधार पर एक परीक्षा के बाद निरीक्षण को गंभीर रूप से निर्धारित किया जाएगा।72 घंटे के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट को अपलोड करना अनिवार्य है।
निरीक्षण योजना अनिवार्य निरीक्षण सूची के तहत सभी गंभीर मामलों को शामिल करेगी।विशिष्ट परिस्थितियों में गंभीर मामलों के निरीक्षण के लिए आपातकालीन सूची का प्रावधान किया गया है।
3.यूनिवर्सल अकाउंट नंबर–
इस योजना के तहत सभी श्रमिकों को एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर प्रदान किया जाएगा।इससे 4.17 करोड़ कर्मचारियों का अपना पोर्टेबल, परेशानी मुक्त और ऐसा भविष्य निधि खाता होगा। इस अकाउंट नंबर की मदद से आप कहीं भी हो वहां से ही अपने खाते का संचालन कर सकते हैं।योजना के अंतर्गत करीब 4 करोड़ ईपीएफ धारकों का केन्द्रीय स्तर पर संग्रहण और डिजिटाइजेशन किया गया है और सभी को यूएएन यानी कि यूनिवर्सल अकाउंट नंबर प्रदान किया गया है।
इस योजना में सभी खाताधारकों की अलग पहचान बनाने के लिए सभी का आधार कार्ड उनके अकाउंट से लिंक करवाया गया है। जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है उनका आधार कार्ड बनवाया जा रहा है।
इस लोगों की अपने खाते तक सीधी पहुंच होगी।
4.अपरेंटिस प्रोत्साहन योजना–
इस योजना में प्रशिक्षण लेने वालों को पहले दो वर्ष के दौरान भुगतान की जाने वाली राशि का 50 प्रतिशत लौटा दिया जाएगा।
5.पुनर्गठित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना–
सरकार की इस योजना की मदद से और संगठित क्षेत्र में मजदूरी करने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ा फायदा है। ऐसे लोगों को सर्वप्रथम स्मार्ट कार्ड प्रदान किया जाएगा। इस कार्ड में और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विवरण होगा।
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कार्यक्रम की विशेषता
इस कार्यक्रम के अंतर्गत 6.50 लाख संस्थाओं व 1,800 इंस्पेक्टरों को यूनिफाइड लेबर पोर्टल के बारे में मैसेज भेजे जाएंगे । इसमें दी गई नई श्रम निरीक्षण योजना के तहत सभी इंस्पेक्टरों को एक बनी-बनाई लिस्ट मिलेगी, जिसमें उन्हें बताया जाएगा कि उन्हें इंस्पेक्शन के लिए कहां जाना है। इसमें संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को नौकरी बदलने पर अपने पीएफ खाते के स्थानांतरण के लिए आवेदन नहीं करना होगा। इस योजना की मदद से ही मात्र 16 केंद्रीय श्रम कानून एक मंच पर आ जाएंगे। योजना में खास बात यह है कि लेबर इंस्पेक्टर का इंस्पेक्शन अब पारदर्शी हो सकेगा जिसकी वजह से किसी भी श्रमिक का शोषण नहीं हो पाएगा।
इस पूरे कार्यक्रम से पूरे देश में व्यवसाय करना बहुत सरल हो जाएगा।श्रमेव जयते योजना (Pandit Deendayal Upadhyaya Shramev Jayate Yojana) से श्रमिकों और नए युवाओं का विश्वास बढ़ेगा, साथ ही युवाओं की काबिलियत बढ़ेगी और सभी के लिए व्यवसाय करना आसान होगा ।