
नई दिल्ली : 15 वें राष्ट्रपति के तौर पर आज द्रौपदी मूर्म(Draupadi Murm) शपथ ग्रहण की है। एनडीए की उम्मीदवार रही द्रौपदी मूर्म के विपक्ष से यशवंत सिन्हा ने उन्होंने कांटे की टक्कर दी। लेकिन उन्हें भारी मदों से परास्त कर द्रौपदी मूर्म जीत हासिल की है।
ओडिशा के एक छोटे कस्बे से आने वाली द्रौपदी मूर्म ने देश के सर्वोच्च नागरिक बनने तक का सफर किया है। इस सफर में उन्हें विभिन्न प्रकार के उतार चढावों से गुजरना पडा है। वह राष्ट्रपति बनने वाली देश की पहली आदिवासी महिला हैं। द्रौपदी मुर्मू से जुड़े ऐसे अनेक तथ्य हैं, जो आपको मालूम होनी चाहिए।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्म से जुड़े आवश्यक तथ्य
1. स्वतंत्र भारत में जन्मीं पहली राष्ट्रपति
द्रौपदी मु्र्मू देश के पूर्व राष्ट्रपतियों से कई मायनों में अलग हैं। वह आजाद भारत में जन्मीं देश की सबसे युवा राष्ट्रपति बन चुकीं हैं। उनका जन्म 20 जून साल 1958 को हुआ। इससे पहले यह रिकॉर्ड संजीव रेड्डी के नाम था।
2. आदिवासी समाज से पहली राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय के संथाल जाति से ताल्लुक रखती हैं। ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक किसान परिवार में उनका जन्म हुआ था। द्रौपदी मुर्मू भारत की आदिवासी राष्ट्रपति बनने वाली प्रथम महिला हैं।
3. पहली आदिवासी राज्यपाल भी बनीं
राष्ट्रपति बनने से पूर्व द्रौपदी मुर्मू झारखंड की प्रथम महिला राज्यपाल बनीं। आदिवासी समुदाय से पहली बार किसी राज्य की राज्यपाल बनने का गौरव भी इन्हीं के पास है। इसके अलावा ओडिशा से मुर्मू पहली महिला बनीं, जिन्हें राज्यपाल बनने का सौभाग्य मिला।
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4. मुश्किलों से भरा रहा पारिवारिक जीवन
राजनीतिक जीवन में तो द्रौपदी मुर्मू को कई सम्मानित पद हासिल हुए। मगर उनका पारिवारिक जीवन दुखों से भरा रहा। साल 2009 से लेकर 2015 का समय उनके लिए सबसे कठिन रहा। इस दौरान उन्होंने अपने पति श्याम चरण, दो बेटे, मां और भाई को खो दिया। द्रौपदी मुर्मू की एक बेटी है। इनका नाम इतिश्री मुर्मू है। वह एक बैंक अधिकारी हैं।
5. शिक्षक और फिर सरकारी विभाग में नौकरी की
द्रौपदी मुर्मू ने कला विषय में स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है। बतौर शिक्षिका उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद ओडिशा के सिंचाई और बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट की नौकरी भी की।
6. भाजपा के साथ राजनीति में एंट्री
द्रौपदी मुर्मू एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार थीं। उन्होंने राजनीतिक पारी की शुरुआत भी भाजपा के साथ ही की थी। साल 1997 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली और रायरंगपुर नगर पंचायत में पार्षद पद पर जीत हासिल की।
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7. कैबिनेट मंत्री भी बनीं
भाजपा की टिकट से साल 2000 और 2009 में वह दो बार विधायक बनीं। नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा के गठबंधन की सरकार में मुर्मू को वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री बनाया गया।
8. ब्रह्माकुमारी संस्थान की सदस्य
पारिवार में हुई क्षति से द्रौपदी मुर्मू टूट चुकी थीं। सदमें से उबरने के लिए वह ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ीं। 2020 में एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, ‘बेटे की मौत के बाद मैं टूट गई थी। दो महीने तक तनाव में थी। बाद में ईश्वरीय प्रजापति ब्रह्माकुमारी का हिस्सी बनी और योगाभ्यास और ध्यान लगाया।’ पिछले 13 सालों से वह ब्रह्माकुमारी में सक्रिय हैं।
9. पहले बन सकती थीं राष्ट्रपति
रिपोर्ट्स की मानें तो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त होने के समय भी उम्मीदवार के रूप में द्रौपदी मुर्मू का नाम चर्चा में था।
10. देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति
देश का सर्वोच्च नागरिक पद हासिल करने वाली महिलाओं में द्रौपदी मुर्मू का नाम दूसरे स्थान पर दर्ज हो गया है। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के बाद मुर्मू राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला हैं। साल 2007 में प्रतिभा पाटिल ने देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रुप में शपथ ली थी।