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नशे को लेकर सख्त हुई उत्तराखंड सरकार, एंटी नारकोटिक्स फोर्स करेंगी गठित, अपराधियों पर होगी ये कार्यवाही

देहरादून :  उत्तराखंड की धामी सरकार ने मादक पदार्थों की बढती बिक्री की रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने का फैसला लिया है। इसके तहत एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन कर दिया गया है। राज्य, जिला और थाना स्तर पर गठित यह फोर्स नशे के कारोबार और इसमें संलिप्त तत्वों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई करेगी।

इस मुद्दे को लेकर बीते शुक्रवार को सीएम धामी ने पत्रकार वार्ता के में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, ”वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने का सरकार का संकल्प है। सभी के सहयोग से इसे धरातल पर मूर्त रूप दिया जाएगा। राज्य स्तरीय टास्क फोर्स अपर पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक, जिला स्तरीय फोर्स वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक और थाना स्तरीय टास्क फोर्स थाना प्रभारी के अधीन गठित की गई हैं।”

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इन टास्क फोर्स के लिए पुलिस विभाग में उपलब्ध कार्मिकों का चयन कर इसमें उन्हें शामिल किया जा रहा है। राज्य स्तरीय टास्क फोर्स विभिन्न स्तरों पर लिए गए निर्णयों पर की जाने वाली कार्रवाई का अनुपालन सुनिश्चित कराएगी। टास्क फोर्स में नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों को पुलिस के समान ही अधिकार प्राप्त होंगे।

टास्क फोर्स के मुख्य दायित्व

राज्य स्तरीय :

मादक पदार्थ अधिनियम से संबंधित अपराधियों का आपराधिक इतिहास तैयार करने के साथ ही निरुद्ध व्यक्तियों की सूची का संकलन।
अपराधों से संबंधित सूचनाओं का संकलन, विश्लेषण और उन पर ठोस कार्रवाई।
माफिया सरगनाओं की संपत्ति जब्त करने के साथ ही समय-समय पर नियंत्रण और केंद्र सरकार से समन्वय।
अफीम, भांग की अवैध खेती को नष्ट करने की कार्रवाई का अभिलेखीकरण।
आतंकवादियों द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी के संबंध में जानकारी जुटाना व रोकथाम की कार्रवाई।
केंद्रीय एजेंसियों एवं अन्य राज्यों की पुलिस से मादक द्रव्यों की रोकथाम को सूचनाओं का आदान-प्रदान व अपेक्षित कार्रवाई।

जिला स्तरीय :

थाना स्तरीय :

थाना क्षेत्रांतर्गत स्कूल-कालेज व उच्च शिक्षण संस्थानों, मेडिकल कालेजों से समन्वय बनाकर वहां एंटी नारकोटिक्स यूनिट का गठन।
मादक पदार्थ उन्मूलन में कार्य करने वाले स्वंयसेवी संगठनों, संस्थाओं और नशामुक्ति केंद्रों में भी नोडल अधिकारी नामित कराना।

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