
Uttarakhand : चारधाम यात्रा पर होने वाली मौत पर अब लगेगा अंकुश, धामी सरकार ने निकाला ये उपाय …
देहरादून : उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में इस साल मौत के कई सारे मामले सामने आए। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने इस समस्या से निकलने के लिए चारधाम यात्रा में बदलाव किया गया है । जिसके चलते अब चारधाम यात्रा मार्ग पर उत्तराखंड सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डेडिकेटेड हाई एल्टीट्यूड सिस्टम तैयार करने जा रही है । इसके अलावा, पुष्कर सिंह सरकार राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए अधिक वेतन देने और सुविधाएं बढ़ाने की योजना बना रही है।
इस समस्या के निवारण के लिए बीते बुधवार को चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग का प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि, ”चारधाम यात्रा पर हर साल लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं। सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए जरूरी है कि वहां पर मजबूत हेल्थ सिस्टम विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए डेडिकेटेड सिस्टम तैयार किया जाएगा। इसके तहत चारधाम के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का एक तरह से अलग ढ़ांचा होगा और वहां पर काम करने वालों को अन्य कर्मचारियों की तुलना में अधिक वेतन व सुविधाएं देने पर विचार किया जाएगा।”
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प्रजेंटेशन के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि, ”राज्य में डॉक्टर और नर्सों की कमी लगातार बनी हुई है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर और तीन नर्स होनी चाहिए। लेकिन उत्तराखंड में एक हजार की आबादी पर 0.28 डॉक्टर और 0.12 नर्स ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टरों को अधिक वेतन ऑफर करने की योजना है। राज्य में सरकारी और प्राइवेट सभी हेल्थ वर्कर को भी मिला दें तो भी मानकों से कम हैं।”
सेक्स रेश्यू सुधरा पर अन्य इंडिकेटर खराब
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य में सेक्स रेश्यू सुधरा है लेकिन अन्य इंडिकेटर सुधारने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि 2030 तक के लिए विभाग की ओर से लक्ष्य तय किए गए हैं और उन्हें हासिल करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मातृ शिशु मृत्यु दर के साथ ही अन्य सभी मानकों को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं।