
Start-Up
Startup: गांवों के उत्थान में इन स्टार्टअप ने किया काम
तीसरे नंबर पर Shopmatic , ये एक ई-कॉमर्स सॉल्यूशन प्रोवाइडर के रूप में
बचपन से हम सुनते आ रहे हैं कि, हमारा भारत देश गांवों में बसता है। इस कहावत के तर्ज पर भारत सरकार ग्रामीणों के लिए अवसर पैदा करने में जी-जान से जुटी हुई है। लेकिन ग्रामीण भारत प्रगति के कुछ मानदंडों पर अभी भी शहरी भारत से थोड़ा पीछे है। चाहे वह GDP हो, या फिर रोजगार, या साक्षरता हो, या फिर स्वास्थ्य. हर सेक्टर में दोनों के बीच थोड़ा अंतर तो मिल ही जाएगा।
2014 के बाद से, जब पीएम मोदी ने पहली बार “आत्मनिर्भर भारत” के बारे में बात की, तो इसने देश के भीतर कई महत्वाकांक्षाओं को हवा दी। मौजूदा समय में भारत देश ग्लोबल स्टार्टअप हब में तीसरे सबसे बड़े हब के रूप में उभरा है – आत्मनिर्भर भारत अभियान से इसे अत्यधिक प्रेरणा मिली। भारत में कुछ नामचीन स्टार्टअप आगे आएं हैं जो ग्रामीण भारत में जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए व्यावसायिक अवसर पैदा करके ग्रामीण लोगों को सशक्त बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं। इन स्टार्टअप्स की टेक्नोलॉजी गेमचेंजर साबित हुई हैं। जो ग्रामीण इलाकों में प्रोडक्टिविटी और विकास की संभावनाओं में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है।
इसमें सबसे पहला नाम है Trell का। Trellभारत का तेजी से बढ़ने वाला कंटेंट सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म, वर्तमान में 8 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिसमें – मराठी, बंगाली, तमिल और कन्नड़ शामिल हैं. प्लेटफॉर्म पर 10 बिलियन से अधिक मंथली व्यू के साथ, Trell अब अपने 15 मिलियन+ क्रिएटर बेस की लोकप्रियता का लाभ उठा रहा है. यह देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के उपयोगकर्ताओं को वास्तविक और सटिक कंटेंट उपलब्ध कराता है। 2017 में अपनी स्थापना के बाद से ही, Trell ने देशभर में स्थानीय उपभोक्ताओं की मनोरंजन जरूरतों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिसके 70% से अधिक उपयोगकर्ता टियर-2, टियर-3 और टियर-4 शहरों से आते हैं।
दूसरे नंबर पर DotPe, ग्रामीण देश के छोटे व्यवसायों और दुकानदारों को महामारी के दौरान अपने बिजनेस को ऑनलाइन ले जाना पड़ा। उनकी मदद करने के लिए गुड़गांव स्थित O2O कॉमर्स और फिनटेक प्लेटफॉर्म DotPeने डिजिटल शोरूम लॉन्च किया। नए जमाने का डिजिटल प्लेटफॉर्म उन्हें 15 सेकंड के भीतर WhatsApp पर एक ऑनलाइन स्टोर शुरू करने और ऑनलाइन बिक्री शुरू करने में मदद करता है। प्लेटफॉर्म ने Mcdonald’s, Starbucks, Haldiram’s, और हजारों दूसरे बिजनेसेज को अपने ग्राहकों को ऑनलाइन ऑर्डरिंग अनुभव देकर अपने लाखों ग्राहकों की सेवा करने के लिए सशक्त बनाया है।
तीसरे नंबर पर Shopmatic , ये एक ई-कॉमर्स सॉल्यूशन प्रोवाइडर के रूप में, Shopmaticई-कॉमर्स सेक्टर के कई सेग्मेंट्स को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाता है। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान, Shopmatic ने भारत के किराना स्टोर्स के लिए अनुरूप समाधान पेश किए। जिससे उन्हें पहले से तैयार किए गए कैटलॉग के साथ एक ऑनलाइन उपस्थिति बनाने में मदद मिली साथ ही तकनीकी जानकारी या डिज़ाइन अनुभव की आवश्यकता के बिना आसानी से वेब-स्टोर बनाने में मदद मिल सके।
बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप GoCoopबुनकरों, कारीगरों, सहकारी समितियों और समुदाय-आधारित उद्यमों को खरीदारों से जोड़ता है. GoCoop की शुरूआत 2005 में शिवा देवीरेड्डी ने एक ऑनलाइन सोशल मार्केटप्लेस के रूप में की गई थी। यह हैंडलूम और हैंडिक्राफ्ट सहकारी समितियों और कारीगरों को हस्तनिर्मित बाजार में मदद करने में सहायता करता था। प्राकृतिक और टिकाऊ प्रोडक्ट सीधे वैश्विक उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन उपलब्ध हैं। जिससे लागत कम होती है, दक्षता बढ़ती है और पारदर्शिता बढ़ती है। कंपनी का मिशन भारत में नौ मिलियन-मजबूत बुनकरों और कारीगरों के समुदाय के लिए स्थायी आजीविका का निर्माण और समर्थन करना है. GoCoop को भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा हैंडलूम मार्केटिंग (ईकामर्स) के लिए पहले राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाज़ा जा चुका है।
ITC Group किसी पहचान का मोहताज नहीं है। यह ग्रुप बड़े पैमाने पर सामाजिक निवेश कार्यक्रम, जिन्हें अब SIP के रूप में जाना जाने लगा है, जो MSK की रीढ़ हैं. MSK का उद्देश्य स्थानीय समुदायों के साथ साझेदारी में ग्रामीण क्षमता का निर्माण करना है ताकि जल और वन संसाधनों का विकास किया जा सके, नई गैर-कृषि आजीविका को खोला जा सके, महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके, प्राथमिक शिक्षा का विस्तार किया जा सके और भारत में भविष्य के कौशल को बढ़ाया जा सके। ITC Group के कृषि-व्यवसाय ने ‘Village Adoption Programme’ का बीड़ा उठाया है. इसमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और राजस्थान के 250 मॉडल गांव शामिल हैं. ग्रामीण विकास को फंड करने वाली यह पहल समग्र ग्रामीण विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सांसद आदर्श ग्राम योजना के साथ जुड़ी हुई है।