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युवाओं के फोन में छुप कर बैठा है Google Crome का नकली App

Google Crome fake app : युवाओं द्वारा सबसे ज्यादा इंटरनेट चलाने के लिए गूगल क्रोम वेब ब्राउजर का ही इस्तेमाल किया जाता है लेकिन अब एक रिसर्च के अनुसार इस वेब ब्राउज़र से सावधान रहने की जरूरत है आपकी जानकारी के लिए बता दें की बढ़ती टेक्नॉलॉजी के साथ-साथ शार्ट की घटनाएं भी बढ़ती जाती है ऐसे में बहुत सारे लोग अब साइबर ठग बनकर लोगों की जेब खाली कर रहे हैं, जिसके चलते किसी भी चीज पर विश्वास करना काफी मुश्किल साबित होने लगा है।

Google Crome fake app

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ऑनलाइन बैठे युवाओं के साथ कब तक हो जाए इसके बारे में कोई नहीं जानता सबसे ज्यादा इंटरनेट युवाओं द्वारा ही चलाया जाता है और गूगल क्रोम जैसे वेब ब्राउज़र का भारत के अंदर बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है। वैसे तो बाजारों में और भी प्रकार के व्यव ब्राउज़र मौजूद है लेकिन गूगल क्रोम सबसे लोकप्रिय माना जाता है और यह बाकियों के मुकाबले काफी अच्छी सुविधाएं प्रदान करता है इसलिए युवाओं द्वारा इस वेब ब्राउज़र का काफी हद तक इस्तेमाल किया जाता है।

क्या होता है web ब्राउजर ?

वेब ब्राउज़र एक प्रकार का एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होता है यह डिवाइस में इंस्टॉल किया जाता है ताकि डिवाइस इंटरनेट का इस्तेमाल कर सके जब डिवाइस इंटरनेट से जुड़ने के लिए तैयार होता है तो वह ब्राउज़र थर्ड पर्सन बनके इंटरनेट के माध्यम से लोगों को जोड़ने का काम करता है इंटरनेट और वेब ब्राउज़र एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं बिना इंटरनेट के 90 ब्राउज़र का इस्तेमाल कर सकेंगे और ना बिना ब्राउज़र के इंटरनेट का इस्तेमाल करें पाएंगे फिर चाहे वह कोई भी कंपनी का ब्राउज़र क्यों ना हो।

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क्या है क्रोम ब्राउजर ?

गूगल क्रोम भी एक वेब ब्राउज़र है जो इंटरनेट पर मौजूद भंडार को आप तक पहुंचाने का काम करता है या फिर आप यह भी कह सकते हैं कि यह आपको इंटरनेट तक पहुंचाने का काम करता है आपकी जानकारी के लिए बता दें Chrome Browser दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला और लोकप्रिय वेब ब्राउजर है. साथ ही यह गूगल के एक अन्य उत्पाद Chrome OS के लिए एक प्लैटफॉर्म का कार्य करता है जिस पर वेब एप्स को चलाया जाता है.

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इस्तेमाल करते हैं तो हो जाएं सावधान

युवाओं में भी गूगल क्रोम बहुत लोकप्रिय माना जाता है अक्सर मोबाइल फोन में यह प्रीइंस्टॉल्ड वेब ब्राउज़र मिलता है क्योंकि मोबाइल फोंस में एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल वालों का है ऐसे में मोबाइल में प्रीइंस्टॉल्ड गूगल क्रोम मिलता है लेकिन बढ़ते अपराध के चलते गूगल क्रोम के नए एंड्रॉयड मैलवेयर की पहचान की गई है यहीं मैलवेयर साइबर हमलों के पीछे जिम्मेदार है।

सरल भाषा में बोले तो यह एक नकली गूगल क्रोम का ऐप है जो युवाओं के फोन में काफी देखने को मिल रहा है इस नकली मोबाइल ऐप को काफी संख्या में डाउनलोड भी किया गया है मिली जानकारी की माने तो नकली क्रोम ब्राउज़र को ब्रेकिंग डिटेल चोरी करके बनाया गया है इसका इस्तेमाल मोबाइल फिशिंग के लिए किया जा रहा है साइबर सिक्योरिटी फर्म प Pradeo की रिसर्च के मुताबिक इस फर्जी ऐप की पहचान Smishing Trojan के तौर पर की गई है।

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रिसर्च के दावों के मुताबिक फर्जी Google Chrome ऐप का इस्तेमाल मोबाइल अटैक कैंपेन के लिए किया जाता है, जो आपकी पर्सनल डिटेल जैसे क्रेडिट कार्ड पासवर्ड चोरी करने का काम करता है।

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कैसे करें बचाव

रिसर्चर की मानें, तो फर्जी Google Chrome मैलवेयर से बचने के लिए यूजर्स को ऐप को ऑफिशियल Google Play Store और Apple App store से ही डाउनलोड या फिर अपडेट करना चाहिए। साथ ही मोबाइल यू्जर्स को किसी अनजान व्यक्ति के मैसेज पर बैकिंग डिटेल नहीं साझा ना करें।

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