
दवाइयों का स्टॉक रखना राजनेताओं का काम नहीं है – high court
राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस महामारी के बीच भारी दवाइयों का संकट देखने को मिला जिसमें ऑक्सीजन भी शामिल थी आपको बता दें कि कोरोना वायरस से जूझ रहे मरीजों को दवाइयां नहीं मिल पा रही थी जिसका कारण दवाइयों की जमाखोरी के कई मामले सामने आए साथ ही इस संकट के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा रेमडेसीविर के साथ-साथ कई अन्य दवाइयों की तथाकथित जमाखोरी करने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पष्ट और खानापूर्ति वाली जांच रिपोर्ट पर फिर से दिल्ली हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है।
यह भी पढ़े : उत्तराखंड: 24 घंटे में कोरोना के 4496 नए केस आए सामने , 188 मरीजों ने तोड़ा दम

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे पीठ न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि दवाइयों का स्टॉक रखना राजनेताओं का काम नहीं है पीठ ने सवाल उठाते हुए पूछा की कमी होने के बावजूद भी भाजपा के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के पास इतनी बड़ी मात्रा में कोरोना की दवाइयां कैसे आई ?
यह भी पढ़े : उत्तराखंड: 24 घंटे में कोरोना के 4496 नए केस आए सामने , 188 मरीजों ने तोड़ा दम
हाई कोर्ट की पीठ ने पुलिस द्वारा की गई जांच पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि आपको एहसास भी है की इन दवाइयों की कमी के कारण कितने लोग मर गए अपनी जिम्मेदारी को समझिए और मामले की गंभीरता की जांच कीजिए पीठ ने मामले में ड्रग कंट्रोलर को मामले में पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया और 24 मई को होने वाली अगली सुनवाई पर पेश होने का निर्देश दिया।