
क्या कोर्ट तक जाएगा अलापन बंदोपाध्याय का मामला? क्या दी जाएगी चार्जशीट
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच में राजनीतिक खींचातानी देखने को मिल रही है। आपको बता दें करीब 60 घंटे तक तबादले की कथा चलती रही उसके बाद अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार अलापन बंधोपाध्याय के खिलाफ एक्शन ले सकती है और उनके सुपर चार्ज शीट भी दी जा सकती है!

दरअसल पूरे मामले में गर्माहट कब पैदा होना शुरू हो गई जब ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव को रिलीव करने से इनकार करते हुए उन्हें अपना मुख्य सलाहकार बना लिया। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस ऐलान के बाद से केंद्र के बीच में नई लड़ाई छिड़ गई केंद्र सरकार ने अलापन बंधोपाध्याय के खिलाफ कार्यवाही का पूरा मूड बना लिया है जानकारी की माने तो बताया जा रहा है कि उन्हें चार्जशीट दी जा सकती है रिटायर होने के बाद भी कार्यवाही की तैयारी हो रही है।
दिल्ली अटैच करने का था आदेश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अलापन बंधोपाध्याय कार्मिक और परीक्षण विभाग को रिपोर्ट करने में विफल साबित हुए हैं जिसके चलते उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है आपकी जानकारी के लिए बता दें की केंद्र सरकार द्वारा 28 मई को अलापन बंदोपाध्याय को दिल्ली अटैच करने का आदेश दिया गया था लेकिन उसे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक को लेकर विवाद सामने आ गया और सोमवार सुबह 10:00 बजे उन्हें दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित DOPT यानी डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग में रिपोर्ट करना था, मगर 60 घंटे बाद जो हुआ उसने केंद्र के आदेश को ताक पर रख दिया.
जिसके बाद मुख्य सचिव अल्पन ने दिल्ली में रिपोर्ट नहीं किया वही वह दिल्ली में रिपोर्ट करने के बजाय सुबह 11:00 बजे कोलकाता में राज्य सचिवालय पहुंच गए और वहां उन्हें ममता बनर्जी के साथ यास तूफान और करो ना से जुड़ी बैठक में हिस्सा लेना था इससे जाहिर हुआ कि ममता सरकार ने केंद्र के फरमान को ठुकरा दिया है
क्यों दिया गया था दिल्ली अटैच करने का फरमान
पश्चिम कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के फैसले पर 5 पन्नों की लंबी चिट्ठी लिखते हुए हैरानी जताई है मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा कि जिस केंद्र सरकार ने उनकी सिफारिश पर 24 मई को मुख्य सचिव अर्पण की नौकरी को इस कारण 3 महीने बढ़ाने पर सहमति जता दी थी कि पश्चिम बंगाल को रोना से लड़ाई लड़ रहा है उसी ने 28 मई को उन्हें दिल्ली अटैच करने का फरमान आखिर क्यों जारी कर दिया ।
इसी के चलते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या इसका 28 मई को कलियर कुंडा में आपका साथ हुई मेरी मुलाकात से लिखो इतना तो नहीं? उम्मीद करती हूं कि ऐसा देश उस बैठक से कोई लेना देना नहीं है अगर ऐसा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा और गलत प्राथमिकताओं की वेदी पर जनहित की बलि चढ़ाने जैसा होगा वही ममता बनर्जी ने इस बात को भी साफ करते हुए कहा कि वह मुख्य सचिव अल्पन को रिलीव नहीं कर सकती हैं ममता ने इसके लिए राज्य के हालात और केंद्र सरकार के पिछले फैसले का हवाला भी दिया उन्होंने जरूरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा भी खटखटा ने की बाकी है ऐसे नहीं इस बात का अंदाजा लगाना काफी मुश्किल साबित होगा कि क्या अलापन बंदोपाध्याय का मामला कोर्ट तक पहुंच जाएगा ।
कौन हैं अलपन बंदोपाध्याय?
अलपन बंदोपाध्याय प्रशासनिक तौर पर वो पश्चिम बंगाल के सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं. तूफान और कोरोना से लड़ाई में राज्य उन्हीं की देखरेख में आगे बढ़ रहा है. दूसरी तरफ वो मौजूदा सरकार के भी करीब हैं. अलपन बंदोपाध्याय ममता बनर्जी के बेहद करीबी नौकरशाह माने जाते हैं. उन्हें टेक्स्ट बुक मैन कहा जाता है यानी वो नियमों के पाबंद नौकरशाह माने जाते हैं. वो विवाद से दूर रहने वाले अफसरों में गिने जाते हैं. उनके करियर पर अब तक कोई धब्बा नहीं लगा है. लेकिन दो सरकारों के टकराव में अब उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तलवार लटक गई है