उजाला योजना, एक ऐसी योजना जिसने घरों को रोशन कर दिया
भारत देश में हर जगह बिजली पहुंचाना एक बहुत ही कठिन कार्य था जिसको हमारी सरकार ने पूर्ण कर दिखाया ,कई गांवों तक बिजली भी पहुंच चुकी है। लेकिन क्या यह बात कोई कह सकता है कि हर जगह पर रोशनी पहुंच गई है। इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उजाला योजना ( Ujala Yojana ) की शुरुआत की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना ( Ujala Yojana ) के बारे में तो हर कोई जानता होगा लेकिन क्या आप प्रधानमंत्री जी के उजाला योजना के बारे में जानते हैं? आज हम आपको इसी उजाला योजना के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान रखकर शुरू की है।
क्या है उजाला योजना?
भारत सरकार ने एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू की था।इस कार्यक्रम का नाम– उन्नत ज्योति बाय अफोर्डेबल एलईडीज फॉर ऑल (Unnat Jyoti by Affordable LEDs for All) यानी कि उजाला (UJALA) योजना की शुरुआत हाल ही में मध्यप्रदेश के भोपाल से की गई। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन बिजली मंत्रालय की संयुक्त उपक्रम सार्वजनिक कंपनी एनर्जी एफिशंसी सर्विसेज लिमिटेड ( Energy Efficiency Services Limited) यानी ईईएसएल (EESL) के द्वारा किया जा रहा है।
यह भारत में विद्युत मंत्रालय के द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना को 30 अप्रैल 2016 में लागू किया गया था।
यह भी पढ़े : जानिए कैसे 24 साल की उम्र में रितेश अग्रवाल बने 7,800 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के मालिक
क्या होता है योजना में?
उजाला योजना के तहत भारत में रहने वाले लोगों को ऊर्जा यानी कि बिजली की महंगाई से बचाने के लिए और साथ ही साथ सभी लोगों को अच्छी रोशनी उपलब्ध करवाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री ने इसकी शुरुआत की। इस योजना में मुख्य तौर पर सभी लोगों को एलईडी बल्ब मिलते हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे प्रकाश पथ बताया है यानी कि प्रकाश अर्थात उजाला देने वाला रास्ता। प्रकाश पद से यहां उनका मतलब दी जाने वाली एलईडी बल्ब से है।इस योजना के अन्तर्गत कम मूल्य पर एल ई डी बल्ब दिये जाते हैं ताकि बिजली की बचत की जा सके।
यह भी पढ़े : जानिए कैसे 24 साल की उम्र में रितेश अग्रवाल बने 7,800 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के मालिक
इस योजना के तहत बिजली वितरण कंपनी की ओर से ग्राहक को सब्सिडी की दरों पर एलईडी बल्ब वितरित किए जाएंगे यानी की यह बल्ब आमतौर पर बिकने वाले एलईडी बल्ब से सस्ते दरों पर बेचा जाएगा। इसके तहत कुल 200 मिलियन साधारण प्रकाश के बल्बों को हटाकर एलईडी बल्बों के प्रयोग को बढ़ावा देना भी था।इस योजना में हर साल 9 करोड़ बल्ब बाँटें जाने की संभावना है।
इस योजना में जो बल्ब बाँटें जाते है उसमे अन्य सामान्य बल्ब की तुलना में 10 गुना अधिक रोशनी होती है।
क्या है फायदा?
फिलामेंट वाले बल्ब का उपयोग करना तो सेहत के लिए हानिकारक है ही लेकिन इसी के साथ साथ आपके बिजली के खर्चे को भी कम कर देता है।इसके साथ ही 5000 मेगावाट के लोड में कमी लाना और 79 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैसों के कारण होने वाले उत्सर्जन को भी कम कर देता है जोकि पर्यावरण के लिए भी बहुत ही अच्छा है।सामान्य बल्ब की तुलना में एलईडी बल्ब केवल इलेक्ट्रिसिटी का मात्र दसवां हिस्सा ही इस्तेमाल करता है और बेहतर प्रकाश उत्पादन प्रदान करता है।
यह भी पढ़े : जानिए कैसे 24 साल की उम्र में रितेश अग्रवाल बने 7,800 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के मालिक
बात अपने फायदे की करे तो अगर आप एलईडी बल्ब को मार्किट से खरीदते हो तो आपको यह बल्ब 160 रूपए तक का मिलेगा लेकिन आप इस बल्ब को बीपीएल कार्ड से खरीदोगे जोकि इस योजना के अंतर्गत आयेगा, तो यह बल्ब आपको 85 रूपए का मिलेगा जो की मार्किट मूल्य से बहुत कम है।यानी की यह आपके लिए काफी किफायती होगा। यही नहीं बल्कि इसी के साथ साथ लोगो यानी की लाभार्थियों को 3 साल की वारंटी भी साथ में मिला करती है।
योजना में उजाला एलईडी बल्ब 75 रूपए – 95 रूपये प्रति एलईडी बल्ब के मूल्य पर खरीदा जा सकता है । एलईडी बल्बों की कीमतों में अंतर भी हो सकता है और ऐसा राज्य के द्वारा लिए गए राज्य से करों में (वैट, चुंगी आदि) के कारण अलग अलग हो सकता है ।यहां तक की साथ में वितरण और जागरूकता लागत,वार्षिक रखरखाव लागत , कैपिटल और प्रशासनिक लागत की लागत इत्यादि भी इसके मूल्य पर असर डाल सकते हैं ।
फिलहाल इससे सिर्फ यही फायदे नही हैं बल्कि ये मनुष्य की आंखों के लिए भी बेहतर होता है ऐसा इसलिए क्योंकि साधारण बल्ब से आंखों पर जोर पड़ता है जिसकी वजह से आंखें जल्दी खराब होती है और कभी-कभी तो मस्तिष्क पर भी असर पड़ता है। लेकिन एलईडी बल्ब के साथ ऐसा नहीं होता है एलईडी बल्ब की रोशनी शीतल होती है जो कि आंखों के लिए अच्छी होती ही है और साथ ही साथ दिमाग को भी ठंडा रखती है। यानी कि कुल मिलाकर इससे फायदा यह है कि आपकी आंखें भी ठीक रहेंगी।
यह भी पढ़े : जानिए कैसे 24 साल की उम्र में रितेश अग्रवाल बने 7,800 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के मालिक
उजाला योजना में ग्राम उजाला योजना
ग्राम उजाला योजना के पहले चरण की शुरुआत भी कर दी गई थी जोकि मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनी थी । इसके तहत अब 10 रुपए में एलईडी बल्ब बांटा जाएगा, जिसकी वारंटी 3 साल की होगी। लेकिन इसी के साथ इस योजना के लिए एक शर्त भी रखी गई है दरअसल ,इस योजना का लाभ उठाने के लिए लोगों को फिलामेंट वाले पुराने बल्ब जमा करने होंगे। इसमें ग्रामीणों को 7 और 12 वॉट के पांच बल्ब दिए जाने का फैसला हुआ था। ग्रामीण वाली उजाला योजना का फैसला सरकार ने खास तौर पर लिया था। दरअसल भारत का ग्रामीण हर एलईडी बल्ब के लिए 70 रुपये नहीं देना चाह रहा था लेकिन सरकार इस योजना को पूरे जोरों शोरों से पूरा करना चाहती थी और इसीलिए ग्राम उजाला योजना के तहत वे 10 रुपये में एलईडी बल्ब देने लगे।
कैसे कर सकते हैं आवेदन?
सभी उपभोक्ता जिनके पास विद्युत वितरण कंपनी से मीटर के जरिए कनेक्शन प्राप्त है वो उजाला योजना कार्यक्रम के तहत एलईडी बल्ब पाने के लिए योग्य है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए भी आपको इसके लिए आवेदन करना होगा–
–सबसे पहले भारत सरकार की अपनी वेबसाइट पर जाना होगा । इस वेबसाइट का नाम राष्ट्रीय उजाला डैशबोर्ड है।
–वेबसाइट पर आपको एक प्रपत्र मिलेगा ।आपको इस निर्धारित प्रपत्र में अपनी सभी जानकारी भर का इसे सबमिट करना होगा।
–इसके बाद अपनी सारी जानकारी डिस्कॉम ऑफिस में देख सकेंगे और आप उजाला योजना का लाभ उठा सकेंगे।
यह भी पढ़े : जानिए कैसे 24 साल की उम्र में रितेश अग्रवाल बने 7,800 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के मालिक
कहां रही कमी?
प्रधानमंत्री उजाला योजना को सफल बनाने के लिए सरकार ने जगह-जगह कैंप लगवाकर बाजार मूल्य से काफी सस्ती दरों पर एलईडी बल्बों का वितरण किया।लेकिन भले ही योजनाओं की शुरुवात जोरों शोरों से हुई है पर इसकी रफ्तार भी से के साथ धीमी हो गई है।मैन पावर की कमी, कार्यकारी एजेंसियों के कार्यस्थल पर रात में नहीं रुकने, मैटेरियल की कमी, ट्रांसपोर्टिग की दिक्कतें आदि जैसी कई चुनौतियां सामने आईं है।उजाला योजना के लक्ष्य से दूर होने की मूल वजह बल्ब की आपूर्ति की दिक्कत थी ।
बहरहाल, सरकार ने इसके लिए इंद्रधनुष योजना का भी उल्लेख किया ताकि एक बार फिर से योजनाओं में किए काम को पूरा किया जा सके।