ट्विटर ने अपनी साइट से हटाए ये शब्द, रेसिज्म को दे रहे थे बढ़ावा
आमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से अमेरिकी बैंक जी पी ने भी कई बदलाव किए हैं। अब ऐसी बड़ी कंपनियां भी ऐसे टर्म्स को रिप्लेस कर रही है जो नस्लबाद को संबोधित करती हैं।
अब माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर भी ‛मास्टर’ ‛स्लेव’ और ‛ब्लैकलिस्ट’ जैसे शब्दों को रिप्लेस कर रही है।
ट्विटर अब ‛Whitelist’ को ‛allowlist’ और ‛Master/ Slave’ जैसे शब्दों ‛leader/ Follower’ में रिप्लेस करेगी।
Inclusive language plays a critical role in fostering an environment where everyone belongs. At Twitter, the language we have been using in our code does not reflect our values as a company or represent the people we serve. We want to change that. #WordsMatter https://t.co/JVO8968B7K
— Twitter Engineering (@TwitterEng) July 2, 2020
मास्टर को कोड का मेन वर्जन कहा जाता है जो स्लेव को कंट्रोल करते हैं। वहीं ‛ब्लैकलिस्ट’ का प्रयोग वहां होता है जहां किसी भी चीज को ऑटोमैटिकली रिजेक्ट कर दिया जाए।
ट्विटर के इंजीनियर डिवीजन ने गुरुवार को एक ट्वीट किया। जिसमें ‛Whitelist’ को ‛allowlist’ और ‛Master/ Slave’ जैसे शब्दों ‛leader/ Follower’ इन शब्दों के रिप्लेसमेंट पर काम चल रहा है।
इसके साथ ही Google ने भी अब गूगल के क्रोमियम वेब ब्राउज़र प्रोजेक्ट एंड एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम ने डेवलपर्स को ‛ब्लैकलिस्ट’ और ‛व्हाइटलिस्ट’ जैसे शब्दों के प्रयोग से बचने को कहा है।
सोशल साइट्स पर नफरत फैलाने वाले कंटेंट के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। इसमें बड़ी कंपनियां फोर्ड, एडिडास, कोका कोला, यूनिलीवर और स्टारबाक्स भी शामिल है। अभियान का उद्देश्य केवल एक ही है कि सोशल नेटवर्क से नफरत फैलाने वाले कंटेंट को हटाना है।