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Startup: शराबखोरी गांव में इन महिलाओं ने शुरू किया दूध का व्यवसाय, आज हो रही तारीफ

ये गांव न सिर्फ शराब मुक्त हो गया है बल्कि अब यहां दूध का व्यव्साय तेजी से अपने पंख फैला

“उमरियापुरा” मध्य प्रदेश के मुरैना शहर की 75 घरों की एक बस्ती है। ये बस्ती जहरीली शराब कांड और 28 लोगों की मौत के कारण काफी बदनाम हो गई थी। 2013 तक यह गांव शराबखोरी के लिए कुख्यात था। यहां की महिलाएं शराब के कारण घरेलू हिंसा का शिकार तक हो रही थीं। लेकिन आज ये गांव न सिर्फ शराब मुक्त हो गया है बल्कि अब यहां दूध का व्यव्साय तेजी से अपने पंख फैला रहा है और ये सब हुआ है, यहां की महिलाओं की वजह से। यहां की महिलाओं ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी पूरी टीम तैयार की और अवैध शराब की बिक्री बंद करवाने के लिए खुद थाने पहुंचकर अपने पति और पिता की शिकायतें कीं।

वहीं इनके साहस के आगे अवैध शराब की बिक्री बंद हो गई और 3 साल के बाद यह गांव आखिर शराब की लत से उबर गया। इसके बाद इन महिलाओं ने गांव में दूध के कारोबार की नीव रखीं। इनका ये व्यवसाय इतना सफल होने लगा कि नशे की वजह से बिके मकान और जमीनें महिलाओं ने वापस खरीद लीं। गांव हर रोज 500 लीटर दूध का उत्पादन करता है।

राजोबाई कुशवाह, नारायणी, सीता ओमवती, कमलेश, रामभूली, रजश्री, गुड़िया, लक्ष्मी, मिथलेश, ममता, रामरथी सहित 22 महिलाओं के इस समूह ने गांव में भैंस पालन कर दूध बेचने का काम शुरू किया। 54 परिवार वाले इस गांव की आबादी लगभग 950 लोगों की है जबकि 325 से ज्यादा भैंस और 60 गाय हैं। गांव में हर रोज 550 से 600 लीटर दूध का उत्पादन होता है। वहीं ये बात जब अभिनेत्री शबाना आजमी को मालूम हुईं तो उन्होंने ‘सखी’ संगठन की आशा सिकरवार के सहयोग से राष्ट्रपति तक इस बात को पहुंचाया और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गांव की महिलाओं की तारीफ की

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