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राज्यपाल से मिली जननायक चंद्रशेखर आजाद विवि की टीम, नैक मूल्यांकन प्रस्तुतिकरण की हुई समीक्षा

राज्यपाल ने की जननायक चंद्रशेखर आजाद विवि के की नैक मूल्यांकन प्रस्तुतिकरण की समीक्षा

लखनऊ: राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में जननायक चंद्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय, बलिया के नैक मूल्यांकन हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजीत कुमार गुप्ता ने राज्यपाल को बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना 22, दिसंबर 2016 में हुई थी और विश्वविद्यालय ने अब नैक मूल्यांकन हेतु अपनी एसएसआर तैयार की है।

राज्यपाल ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश

राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण की समीक्षा के दौरान नैक मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया पर विश्वविद्यालय द्वारा की गयी तैयारियों का बिंदुवार अवलोकन करते हुए गुणवत्ता सुधार के लिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। उन्होंने प्रस्तुतिकरण के सभी बिंदुओं को एक जैसे फार्मेट पर प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने प्रत्येक क्राइटेरिया में हाइपर लिंक में गतिविधियुक्त फोटो और विवरण जोड़ने पर जोर दिया। क्राइटेरिया-1 में उन्होंने भाषा कोर्सेस के साथ अनुवाद और शार्ट हैण्ड जैसे प्रोफेशनल कोर्स भी जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने यहां लैंगिक समानता की स्थापना को विशेष रूप से दर्शाएं और ट्रांसजेंडर्स के लिए विविध शैक्षिक गतिविधियां भी प्रारम्भ करें।

रिसर्च इनोवेशन एण्ड एक्सटेंशन की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विविध गतिविधियों के विस्तार हेतु किए गए एमओयू के अंतर्गत विविध कार्यक्रमों को बड़ी संख्या में सम्पादित कराकर विश्वविद्यालय की क्षमता विस्तार करें। उन्होंने पुस्तकालय की ई-क्षमता में वृद्धि करने, ई-पुस्तकालय उपयोग की जानकारी विद्यार्थियों को प्रदान करने, विद्यार्थियों को शत्-प्रतिशत ई-पुस्तकालय उपयोग से जोड़ने को कहा। उन्होंने पुस्तकालय हेतु नवीन और उपयोगी पुस्तकों की खरीद प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने पर जोर दिया। इन्फ्रास्ट्रक्चरल एक्टीविटीज में सुधार हेतु उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधार के निर्देश के साथ इसे बेहतर करने को कहा।

प्रशिक्षुओं की संख्या का उल्लेख जरूर जोड़ें: राज्यपाल

क्राइटेरिया-5 में एल्युमुनाई पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने पास आउट विद्यार्थियों की आगामी प्रगति का विवरण भी एसएसआर में दर्शाने को कहा। क्राइटेरिया-6 के विविध बिंदुओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने हाल ही में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में सम्पन्न ‘शिक्षा मंथन‘ से प्राप्त दिशा-निर्देश के क्रम में विश्वविद्यालय में आयोजित ‘उन्मेष‘ कार्यक्रम का विवरण भी जोड़ने को कहा। क्राइटेरिया-7 की बिंदुवार समीक्षा में उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में कौशल विकास कार्यों से महिलाओं में आयी आत्मनिर्भरता का विवरण जोड़ने को कहा। उन्होंने प्रशिक्षुओं की संख्या का उल्लेख भी जोड़ने को कहा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अध्यापक भी भारत को टीबी मुक्त करने के अभियान से जुड़ें और स्वयं ‘निक्षय मित्र‘ बनें। राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण को सशक्त बनाने के लिए सभी टीम सदस्यों को एक साथ बैठकर योगदान देने, टीम के पुराने सदस्यों और पूर्व कुलपति के अनुभवों के लिए उन्हें भी टीम में योगदान देने के लिए आमंत्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सशक्त एसएसआर रिपोर्ट बनने के बाद ही नैक मूल्यांकन हेतु दाखिल किया जाए। उन्होंने सभी सदस्यों को पहले मूल्यांकन में ही उच्चतम ग्रेड प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

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