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सरकार व प्रशासन का लापरवाह रवैया आया सामने, सड़को पर जहां तहां जमावड़ा लगाए दिखे आवारा जानवर

ढांगूपीर : हिमाचल प्रदेश में इन दिनों आवारा जावनरों का कहर देखने को मिल रहा है. इसके बावजूद भी सरकार व प्रशासन के उदासीनता पूर्ण रवैये देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से सड़कों पर आए दिन वाहन चालकों के लिए मौत घटना भी सामने आती रही है . यह समस्या आए दिन बढती ही जा रही है. प्रदेश के डमटाल, सूरजपुर, मोहटली में गंभीर समस्या बनी हुई है। यह समस्या यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में फैली हुई है। डमटाल और बाई अटारिया में दो गोशालाएं होने के बावजूद कोई समाधान नहीं है।

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इस समस्या को लेकर सरकार का कहना है कि, 2022 तक एक भी बेसहारा पशु सड़कों पर नहीं दिखाई देगा और किसानों की आमदन दोगुना होगी। लेकिन यह कैसे होगा, समझ से बाहर है। सरकार और प्रशासन द्वारा ऐसे झूठे आश्वासनों से लोग अब तंग आ चुके हैं। बेसहारा पशु खेतों में घुसकर न सिर्फ फसलों को तबाह करते हैं। बल्कि सड़कों, रेल पटरियों और यहां तक की बाजारों और गली-मोहल्लों में बेसहारा घूमते हुए विभिन्न दुर्घटनाओं और जान-माल की हानि का कारण बन रहे हैं।

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वही हालही में आवारा जानवरों के सामने आने की वजह से एक दुर्घटना सामने आई है, जिसमें चालक की मौत की मौत भी हो गई, इसके बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है, बेसहारा पशुओं के उत्पात के कारण हर जगह दुर्घटनाएं हो रही हैं और लगभग सभी जगह प्रशासन कोई प्रभावी पग उठाता नजर नहीं आ रहा। ज्यादातर दुर्घटनाएं रात के समय बेसहारा पशुओं के सड़क पर आ जाने के परिणामस्वरूप होती हैं। जिस कारण उन्हें सड़कों पर आने से रोकने के लिए जल्दी कदम उठाने चाहिए .

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