
यूपी : परिवार के परिवार उजाड़ रहा कोरोना, पांच दिन में आठ लोगों की मौत
कोरोना और उससे होने वाली मौतों से दहशत का आलम है। दो सप्ताह में एक ही घर से पांच अर्थियां निकलने व गांव से तीन अन्य लोगों की मौत होने से चकरौत गांव में मातमी सन्नाटा है। वहीं करनैलगंज नगर के एक वार्ड से पांच दिनों में आठ लोगों की मौत से जबरदस्त दहशत है।
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चकरौत गांव व आसपास के गांवों में एक सप्ताह से करीब नौ लोगों की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों में नहीं पहुंची। न ही गांवों में सैनिटाइजेशन ही कराया गया। करनैलगंज सीएचसी के अंर्तगत ग्राम पंचायत चकरौत से बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां कोरोना संक्रमण की वजह से एक ही परिवार के पांच लोगों की दो सप्ताह के भीतर मौत हो गई।

इस घटना के बाद से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। करनैलगंज क्षेत्र में कोरोना का कहर एक ही परिवार पर इस कदर टूटा कि एक सप्ताह के भीतर पांच लोगों की जान चली गई। वहीं आस-पास के गांवों में एक सप्ताह के भीतर करीब 9 लोगों की मौत हो चुकी है। विगत दिनों मंडी समिति के लिपिक हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव की मौत हो गई थी। उसके बाद उनकी 75 वर्षीय मां सरला श्रीवास्तव पत्नी मोतीलाल श्रीवास्तव की मौत हुई।
इसी सप्ताह उनके 46 वर्षीय भाई अश्वनी श्रीवास्तव पुत्र मोतीलाल श्रीवास्तव की मौत हुई। यह क्रम जारी रहा उसके बाद 45 वर्षीय उषा श्रीवास्तव पत्नी अश्वनी की भी मौत हो गई। सबसे बड़ा दुख का पहाड़ तब टूटा जब अश्वनी के 22 वर्षीय जवान बेटे सौरभ श्रीवास्तव की भी मौत हो गई। एक सप्ताह के भीतर एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत से मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। पूरे गांव के लोगों में दहशत बनी हुई है।
इन लोगों की भी हो गई मौत
इसी गांव में 45 वर्षीय सरिता पत्नी कृष्ण लाल तथा गांव की सीमा पर ग्राम बाबुरास पांडेपुरवा निवासी श्रीनाथ शुक्ल 60 वर्ष पुत्र भगवती प्रसाद की कोरोना से जान गयी है। इसके अलावा करनैलगंज क्षेत्र के युवा वर्ग में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से प्रभावी है। जिसमें पाण्डेयचौरा के रहने वाले 22 वर्षीय मनीष सिंह पुत्र मदन सिंह की मौत हो गई।
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इसके अलावा, गुरसडी के 21 वर्षीय शुभम पुत्र दयाराम गोस्वामी की मौत से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। गांव के कई और लोगों में भी कोरोना संक्रमित होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, बताया जा रहा है कि संक्रमण की इस रफ्तार के बाद भी प्रशासन की ओर से इस गांव को न तो अभी तक सील किया गया है, और न ही इस गांव को लेकर कोई सूचना जारी की गई है। जबकि करीब एक दर्जन से अधिक कोरोना पॉजिटिव लोग इस गांव में बीमारी की हालत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सैनिटाइजेशन या बैरिकेडिंग तक नहीं कराई गई है।