
केंद्र सरकार की तरफ से किसानो को मिली सौगात, किसानों की आय बढ़ाने के लिए “कस्टम प्रोसेसिंग योजना” का किया शुभारंभ
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए “कस्टम प्रोसेसिंग योजना" का किया शुभारंभ। इस योजन के तहत कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की भी हुई स्थापना।
नई दिल्ली। देश में बढ़ते किसानों की परेशानियों को कम करने के लिए सरकार ने एक अहम् कदम उठाया है। किसानों की आय दोगुनी करना केंद्र सरकार का सबसे पहला लक्ष्य है। ऐसे में देश के किसानों के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। ख़ास कर जब बात ऐसे दौर का हो जब कोरोना ने पूरे देश में महामारी फैला रखी है।
कोरोना के कारण लॉकडाउन के बाद सरकार ने ख़ास करके ग्रामीण क्षत्रों में विशेष ध्यान दिया। इसी कर्म में आगे बढ़ते हुए सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए “कस्टम प्रोसेसिंग योजना का शुभारम्भ किया है।
इस योजना की शुरुवात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत की गई है। बता दें, प्रधानमंत्री के इस योजन के तहत कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की स्थापना भी की गई है। कस्टम प्रोसेसिंग योजना भी प्रधानमंत्री के इसी योजना के अंतर्गत आता है। गौरतलब है कि अभी इस योजना का शुभांरम्भ मध्यप्रदेश में ही किया गया है। इस योजना के तहत आवेदन करने वाला व्यक्ति को सस्ती दरों पर लोन दिया जायेगा।
कस्टम प्रोसेसिंग योजना:
अभी इस योजना की शुरुवात मध्यप्रदेश में की गयी है। इस योजना के तहत गाँव में रह रहे युवाओं और वहां के किसानों को रोजगार प्रदान और उनकी आय में वृद्धि के लिए उन्हें आर्थिक मदद दी जाएगी। कस्टम प्रोसेसिंग योजना के तहत ग्रामीण युवाओं को ग्रेडिंग प्लांट, राइस मिल, क्लीनिंग, दाल मिल, अनाज की ग्रेडिंग इत्यादि के लिये 25 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार द्वारा 25 फीसदी अनुदान भी दिया जाएगा। इस योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
अपने पाठकों को बता दें कि इस योजना के माध्यम से खेतों में ही यूनिट लगेगी, जिससे गाँव के युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे, इसके साथ ही किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। इस योजना से किसान सीधे अपने खेत की फसल को प्रोडक्ट में कन्वर्ट कर बेच पाएगा।
250 नये केंद्र खुलेंगे:
सरकार द्वारा कस्टम प्रोसेसिंग के लिए मध्यप्रदेश में लगभग 250 केंद्र खोले जाएंगे। हाल ही में मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री ने मीडिया से इसे लेकर वार्ता में बतया था कि एमपी इस योजना को लागू करने वाला पहला राज्य है। गाँव के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रदेश में इस वर्ष लगभग 250 कस्टम प्रोसेसिंग केन्द्र स्थापित किये जाएंगे।
कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र का उद्देस्य:
इस केंद्र द्वारा कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत कस्टम प्रोसेसिंग योजना के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जाएंगे। नवीन कस्टम प्रोसेसिंग योजना ग्राम स्तर पर उपज की ग्रेडिंग करेगी और किसान अलग-अलग ग्रेड के आधार पर अपनी उपज मण्डी में बेच पाएंगे।
कैसे होगा आवेदन:
इस केंद्र को खोलने कि इक्षा रखने वाले किसान कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय में ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। अभी फिलहाल कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र को मध्यप्रदेश के सभी जिलों में खोला जाएगा। इस केंद्र को खोलने के लिए किसान को दस लाख से 25 लाख रुपए तक की लागत आ सकती है। वही जो भी किसान इस केंद्र को खोलने की इक्षा रखता है उसे 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
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