
आज यूपी में नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पद की शपथ ली। इस दौरान मंत्रिमंडल का ऐलान भी कर दिया गया। जहां योगी आदित्यनाथ को एक फिर से सीएम बनाकर यूपी की कमान सौंपी दी गई। वहीं स्वतंत्रदेव सिंह को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलायी गई। तो चलिए जानते हैं कौन है स्वतंत्रदेव सिंह।
स्वतंत्र देव सिंह का जन्म
आज भाजपा में स्वतंत्र देव सिंह ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। शायद को किसी को पता होगा की स्वतंत्र देव सिंह यूपी के मिर्जापुर जिले के ओरी गांव के रहने वाले हैं। स्वतंत्र देव का जन्म 13 फरवरी 1964 को हुआ था। ये ओबीसी समुदाय से आते हैं।
स्वतंत्र देव के परिवार
स्वतंत्र देव सिंह की माता का नाम रामा देवी और पिता का नाम अल्लर सिंह था। इनके एक बड़े भाई हैं जिनका नाम श्रीपत सिंह है। सबसे खास बात यह है कि इनके परिवार से राजनीतिक से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था। वह अपने परिवार के पहले ऐसे व्य क्ति थे जिन्हों ने राजनीति में कदम रखा था।
स्वतंत्र देव सिंह की शिक्षा
अगर वहीं स्वंतंत्र देव सिंह की शिक्षा की बात करे तो उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने गांव उरई के प्राईमरी स्कूल से पूरी की। इसके बाद वह साल 1984 में पुलिस विभाग में कार्यरत अपने बड़े भाई का तबादला होने पर उनके साथ ऊरई आ गए। जहां साल 1985 में ऊरई में ही उन्होंेने स्नांतक में दाखिला लिया। वहीं इसके बाद वह साल 1986 में ऊरई के डीएवी कॉलेज से उन्हों ने पहली बार छात्रसंघ का चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में उन्हेंल हार का सामना करना पड़ा था।
स्वतंत्र देव सिंह का विवाह
बता दें कि स्वंतंत्र देव सिंह की शादी झांसी जिले के सिगार नामक गांव से हुई। उनकी पत्नी़ का नाम कमला देवी है।
स्वतंत्र देव सिंह का राजनीतिक सफर
साल 1986 में स्वतंत्र देव सिंह छात्रसंघ चुनाव में हार मिलने के बाद भी वह एबीवीपी के साथ जुड़े रहे। इसके बाद वह साल 1986 में ही राष्ट्री य स्वसयंसेवक संघ से जुड़े और संघ प्रचारक के तौर पर काम करना शुरू किया। इसके बाद साल 1988 और 1989 के बीच उन्हें8 एबीवीपी का संपर्क मंत्री बनाया गया।
ऐसे मिली बीजेपी में अहम जिम्मेरदारी
स्व तंत्र देव सिंह की कुशल नेतृत्वी क्षमता को देखते हुए साल 1991 में उन्हेंल बीजेपी कानपुर की युवा शाखा का मोर्चा प्रभारी बना दिया गया। जहां उन्हें बीजेपी ने बुंदेलखंड का जिम्मेदारी सौपी गई और 1994 में उन्हें9 बुंदेलखंड युवा मोर्चा का प्रभारी नियुक्त कर दिया गया। इसके बाद साल 1996 और 1998 में उन्हेंख युवा मोर्चा का महामंत्री नियुक्त1 किया गया। वहीं फिर साल 2001 में वे बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यदक्ष भी नियुक्तब किए गए।