
राहुल गांधी ने मोदी सरकार को बताए चार पहलु, तीसरी लहर को मात देने में कारगर
कोरोना काल में भी नेता एक-दूसरे पर वार करने में पीछे नहीं हटते हैं. घूमा-फिरा कर मौजूदा केंद्र सरकार पर उंगली उठा ही देते हैं. ऐसा ही कुछ राहुल गांधी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर किया है. राहुल ने श्वेत पत्र जारी कर चार पहलुओं पर ध्यान देनी की बात कही है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘समय रहते वैज्ञानिकों ने दूसरी लहर की भविष्यवाणी की थी. सरकार ने जरूरी कदम नहीं उठाए. एकबार फिर हम वहीं खड़े हैं. सब जानते हैं कि तीसरी लहर आएगी. इसलिए सरकार को तैयारी करनी चाहिए.’
राहुल गांधी के अनुसार, कांग्रेस ने जो श्वेत पत्र तैयार किया है उसके चार पहलू हैं. पहला, सरकार को यह जानकारी होनी चाहिए कि कमी कहां रह गई.
दूसरा, तीसरी लहर के लिए पहले ही ऑक्सीजन, बिस्तर, दवाइयों की तैयारी हो जाए. तीसरा, कोरोना के आर्थिक-सामाजिक प्रभाव की बात की गई है. न्याय योजना की तरह गरीब लोगों, छोटे व्यापारियों को सरकार आर्थिक मदद करे. न्याय की जगह कोई और नाम रख लें. चौथा कोरोना फंड बनाया जाए और जिनके घर में मौत हुई है उनकी मदद की जा सके.
राहुल ने आगे कहा कि सरकार टीकाकरण को मिशन की तरह ले. यह एक दिन तक सीमित नहीं रहना चाहिए. सरकार सभी राज्यों को समान व्यवहार करे. यह जिंदगी और मौत का सवाल है.
दूसरी तरफ था पीएम मोदी का फोकस
राहुल ने सरकार पर छींटाकशी करते हुए कहा कि दूसरी लहर के समय पीएम मोदी का सारा ध्यान चुनाव पर था.जिसकी वजह से सही व्यवस्था नहीं की गई. दूसरी लहर में मौतों का सबसे बड़ा कारण समय पर ऑक्सीजन की कमी थी. जबकि देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. प्रधानमंत्री के आंसू उन परिवारों के आंसुओं को नहीं मिटा पाएंगे, जिनके परिजनों की मौत हुई है उन्हें पता है कि पीएम के आंसुओं ने उनके परिजन को नहीं बचाया, ऑक्सीजन बचा सकता था. पीएम का फोकस दूसरी तरफ था.