
अधिकारीयों को मंत्री की दो टूक, कहा- जनता की अपेक्षाओं पर खरे ना उतरने वाले अधिकारियों पर होगी तुरंत कार्रवाई
वर्तमान में देखा जाए तो रेशम की खपत लगभग तीन हजार मीट्रिक टन है और उत्पादन मात्र तीन सौ मीट्रिक टन ही है।
लखनऊ। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी ग्रामोद्योग, हथकरघा और रेशम मंत्री राकेश सचान ने अधिकारियों की नकेल कसना शुरू कर दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जनता की अपेक्षाओं पर खरे ना उतरने वाले अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए अगले पांच सालों में रेशम के उत्पादन को दोगुना किया जाएगा। वर्तमान में देखा जाए तो रेशम की खपत लगभग तीन हजार मीट्रिक टन है और उत्पादन मात्र तीन सौ मीट्रिक टन ही है। ऐसे में इस अंतर की भरपाई के लिए पात्र लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। इसके अलावा कोया और धागा के उत्पादनों को भी बढ़ाये जाने की कोशिशें की जाएंगी। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों की हैंड होल्डिंग कर उनको तकनीकी सुविधायें भी उपलब्ध कराईं जाएंगी।इन सारी चीजों को अगर अधिकारी प्राथमिकता से काम नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
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राकेश सचान ने कहा कि पिछले पांच सालों में भी हमने बेहतर कार्य किया है।आगे के पांच सालों में भी रेशम उत्पादन की गतिविधियों को युद्धस्तर पर संचालित कर इसको बढ़ाया जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पिछले पांच साल के बजट के खर्च का विवरण उपलब्ध कराया जाए। साथ ही रीलिंग मशीनों से पिछले पांच सालों में कितना धागा तैयार किया गया है, उसकी भी सूचना उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा कितने टूलकिट लाभार्थी हैं, उनकी भी सूचना मांगी गई है।
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रेशम निदेशक नरेंद्र पटेल ने बताया कि 44 शहरों में शहतूती, 13 में टसर और आठ जिलों में एरी रेशम का उत्पादन हो रहा है। रिसर्च के बाद 31 जिलों में इनको केंद्रीयकृत करने की कार्रवाई चल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि किसान अब एक एकड़ में कीट पालन करके साल भर में डेढ़ लाख रूपये तक की अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं। यही कारण है कि किसानों को इस धंधे से ज्यादा से ज्यादा जोड़ने की कोशिश की जा रही है।