
अयोध्या: बरसात के पहले तैयार होगी राम मंदिर की रिटेनिंग वॉल
राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बैठक के पहले दिन सुबह 9 बजे रामजन्मभूमि परिसर
राममंदिर निर्माण समिति की 2 दिवसीय बैठक में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र (napendra mishra)ने निर्माण के कार्यों की समीक्षा की। ट्रस्ट और कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों ने प्रजेंटेशन के जरिए अब तक हुए काम का ब्यौरा दिया। बैठक में तय हुआ है कि, जून से राममंदिर के गर्भगृह को आकार देने का काम शुरु हो जाएगा।
राममंदिर(rammandir) निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बैठक के पहले दिन सुबह 9 बजे रामजन्मभूमि(ram janmbhoomi) परिसर पहुंचकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थलीय निरीक्षण के बाद रामजन्मभूमि परिसर स्थित विश्वामित्र आश्रम में एलएंडटी के कार्यालय में बैठक की। इसमें ट्रस्ट के पदाधिकारियों समेत कार्यदायी संस्था के इंजीनियर भी शामिल हुए। बैठक में इंजीनियरों ने अब तक हुए कार्य की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। अनुमान के मुताबिक, राममंदिर के चबूतरे का काम अभी चलता रहेगा। अगस्त तक इसके पूरा होने की संभावना है। इस बीच गर्भगृह और प्लिंथ का काम एक साथ संचालित करने की योजना भी बनी है।
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ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि, पहले दिन केवल कार्यों की समीक्षा की गई। अब तक कितना काम हुआ है, डेडलाइन तक काम पूरा हो पाएगा या नहीं, पत्थरों की आपूर्ति की क्या स्थिति है, रिटेनिंग वॉल के निर्माण की क्या प्रगति है, इन सबकी प्रगति रिपोर्ट नृपेंद्र मिश्र के समक्ष प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहा कि, प्लिंथ का काम पूरा होगा। वहीं पत्थरों की आपूर्ति की समीक्षा भी की गई। बताया कि गर्भगृह का काम भी शीघ्र शुरू हो जाएगा। गर्भगृह के चबूतरे का काम जिस दिशा में पूरा होता जाएगा, उस दिशा से गर्भगृह का निर्माण भी शुरू कर देंगें। दोनों काम समानांतर चलेंगे।
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ट्रस्ट के सूत्रों ने बताया कि, जून से गर्भगृह को आकार देने का काम प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए पहली जून की तिथि नियत की गई है। इस दिन ज्येष्ठ की अमावस्या की शुभ तिथि है। इस दिन से पूजन के साथ ही गर्भगृह को आकार देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी बिमलेंद्र मोहन मिश्र, मंदिर निर्माण के प्रभारी गोपालजी सहित कार्यदायी संस्था के इंजीनियर मौजूद रहे। मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए 3 दिशा में 12 मीटर गहरी रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है। पश्चिम दिशा में सरयू की धारा प्रवाहमान है। ऐसे में सरयू की बाढ़ के आक्रमण से मंदिर को बचाने के लिए 12 मीटर गहरी दीवार बनाई जा रही है। अब तक उत्तर और दक्षिण दिशा में रिटेनिंग वॉल के निर्माण का काम पूरा हो चुका है। करीब 6 मीटर गहराई तक चट्टान बिछाई जा चुकी है। बरसात से पहले यह काम पूरा करने का लक्ष्य है।