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Rajasthan: राजस्थान में सत्ता और संगठन में बड़े फेरबदल करेगा कांग्रेस आलाकमान

Rajasthan: राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान सत्ता और संगठन में बड़े बदलाव कर सकती है । कैबिनेट फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियां खुद की मर्जी से करने पर अड़े मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अब कह दिया कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का फैसला मंजूर होगा।

सभी विधायकों को 28 और 29 जुलाई को जयपुर में रहने के लिए कहा गया है। दोनों दिन पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन विधायकों से वन टू वन रायशुमारी करेंगे। विधायकों से सत्ता व संगठन के बारे में राय ली जाएगी।

मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट ली जाएगी। सीएम और सचिन पायलट पहले मंत्रिमंडल विस्तार किए जाने के पक्ष में थे, लेकिन हाईकमान ने फेरबदल का फैसला लिया है।

ऐसे में इस महीने के आखिर में सभी मंत्रियों से इस्तीफे लेकर नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन किया जा सकता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविद सिंह डोटासरा गहलोत सरकार में शिक्षामंत्री भी हैं। ऐसे में उन्हें एक पद से हटाने को लेकर आलाकमान ने मानस बना लिया है।

वेणुगोपाल और माकन ने बातचीत में कहा कि राज्य के नेताओं ने एकमत से आलाकमान पर फैसला छोड़ दिया है। सीएम, विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि आलाकमान जो फैसला करेगा, वह सभी को मान्य होगा। माकन ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों के बारे में शीघ्र अंतिम निर्णय हो जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, राज्य कांग्रेस में बढ़ती खींचतान, पायलट और गहलोत समर्थकों की सार्वजनिक बयानबाजी पर आलाकमाान ने नाराजगी जताई है। पिछले दिनों प्रदेश के नेताओं से मिले फीडबैक के बाद सोनिया ने वेणुगोपाल और माकन को शनिवार को जयपुर भेजा।

दोनों नेताओं ने देर रात तक मुख्यमंत्री गहलोत के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने सीएम को सोनिया की मंशा के बारे में बता दिया। मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में किन विधायकों व नेताओं को स्थान देना है, यह फैसला हाईकमान करेगा। वेणुगोपाल और माकन के साथ बैठक में गहलोत ने सोनिया की बात मानने के लिए कहा बताया।

जयपुर आने से पहले दोनों नेताओं ने दिल्ली में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। देर रात गहलोत के साथ बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने विधायकों व प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों की रविवार सुबह बैठक बुलाने के निर्देश दिए। बैठक में शामिल हुए नेताओं व विधायकों से एकमत से कहलवाया गया कि उन्हें आलाकमान का फैसला मंजूर होगा।

28 और 29 तारीख को जयपुर में पार्टी विधायकों की बैठक बुलाकर अलग-अलग रायशुमारी किए जाने की रणनीति को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ दिग्गज नेताओं ने कहा कि केवल कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के लिए तो कभी विधायकों से वन-टू-वन राय नहीं मांगी गई। ऐसा पहली बार हो रहा है। यह संभावना है कि हाईकमान गहलोत और पायलट के खेमे में कितने-कितने विधायक हैं, यह रिपोर्ट तैयार करना चाहता हो।

पायलट समर्थकों ने नारेबाजी की

रविवार सुबह विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होने के लिए वेणुगोपाल और माकन पार्टी मुख्यालय पहुंचे तो पायलट खेमें के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी करने वाले पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे थे। बैठक के दौरान पार्टी कार्यालय के बारहर नारेबाजी का दौर चलता रहा। सीएम इस बैठक में भाग नहीं लिया।

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