
रेलवे भूमि अतिक्रमण विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कहा – रातों रात नहीं हटाए जा सकते 50 हजार लोग
हल्द्वानी : उत्तराखंड के जिला हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर बसे वनभुलपुरा के 4000 परिवारों को बेदखल करने के उत्तराखंड सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है और सरकार को नोटिस जाती किया ही।
उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि, “रातों रात आप 50 हजार लोगों को नहीं हटा सकते। यह एक मानवीय मामला है। हमें कोई व्यावहारिक समाधान ढूंढना होगा। समाधान का ये यह तरीका नहीं है। जमीन की प्रकृति, अधिकारों की प्रकृति, मालिकाना हक की प्रकृति आदि से उत्पन्न होने वाले कई कोण हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए। इन्हें हटाने के लिए केवल एक सप्ताह का समय काफी कम है। पहले उनके पुनर्वास पर विचार हो।”
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पुनर्वास की कोई योजना होनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि , उत्तराखंड सरकार का स्टैंड क्या है इस मामले में? शीर्ष अदालत ने पूछा कि जिन लोगों ने नीलामी में जमीन खरीदी है, उसे आप कैसे डील करेंगे? लोग 50/60 वर्षों से वहां रह रहे हैं। उनके पुनर्वास की कोई योजना तो होनी चाहिए। उस जमीन पर आगे कोई निर्माण नहीं होगा। पुनर्वास योजना को ध्यान में रखा जाना चाहिए। ऐसे स्कूल, कॉलेज और अन्य ठोस ढांचे हैं जिन्हें इस तरह नहीं गिराया जा सकता है।
जानिए क्यों शुरू हुआ विवाद
इस विवाद की शुरुआत उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद हुई। इस आदेश में रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाए जाने का फैसला दिया गया। खुद अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन की मोहलत दी गई थी। जारी नोटिस में कहा गया है कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा।