पत्नी को एयरपोर्ट पर रोके जाने से बढ़ा अमृतपाल पर दबाव, इन चार वजहों से हुआ गिरफ्तार
पंजाब पुलिस व खुफिया एजेंसियों ने मोगा के रोड़ेवाल गुरुद्वारा से किया अरेस्ट
अमृतसर: पंजाब पुलिस को बीते 36 दिन से चकमा दे रहा खालिस्तान समर्थक व वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह को रविवार सुबह मोगा से गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि, उसके करीबी दावा कर रहे कि ये गिरफ्तारी नहीं बल्कि सरेंडर है। ऐसे में ये जानने की इच्छा तो जरूर होगी कि आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि अमृतपाल सिंह को बाहर निकलने को मजबूर होना पड़ा?
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के पीछे दो किरदार हैं। पहला उसके राजदार की तरह साथ चल रहा पपलप्रीत, जो पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। इस कारण अमृतपाल को छिपने के लिए मिलने वाले ठिकाने बंद हो गए। वहीं, दूसरा कारण उसकी NRI पत्नी किरणदीप कौर है, जिसे लंदन जाने से रोक दिया गया। किरणदीप को अमृतसर एयरपोर्ट से उसकी ससुराल वापस लौटा दिया गया।
इन चार वजहों से हुई अमृतपाल की गिरफ्तारी
दुबई से आये अमृतपाल का अपना नेटवर्क नहीं था
अमृतपाल सिंह 18 मार्च को फरार हुआ तो उसके साथ पपलप्रीत था। इसके बाद वह पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में नजर आया तो भी पपलप्रीत साथ दिखा। अमृतपाल हरियाणा में कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में जिस महिला के घर आया, वह भी पपलप्रीत की जानकार थी। दरअसल, अमृतपाल को पपलप्रीत के नेटवर्क से ही छिपने के ठिकाने मिल रहे थे। फरारी के दौरान वही खर्चे का भी इंतजाम करता था। 10 अप्रैल को पपलप्रीत अमृतसर के कत्थूनंगल से अरेस्ट किया गया, जिसके बाद अमृतपाल अकेला पड़ गया। हाल ही में अमृतपाल सिंह दुबई से लौटा था तो यहां उसका पर्सनल नेटवर्क नहीं था। परिणाम यह हुआ कि उसे छिपने के ठिकाने मिलने बंद हो गए।
पत्नी को एयरपोर्ट से लौटाये जाने पर बढ़ा दबाव
10 फरवरी को अमृतपाल सिंह ने ब्रिटेन की एनआरआई पत्नी किरणदीप कौर सिंह से शादी की। उस वक्त अमृतपाल ने किरणदीप का चेहरा तक किसी को नहीं दिखाया। हालांकि, दो दिन पहले किरणदीप लंदन जाने के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंच गईं। यहां इमीग्रेशन अधिकारियों ने उसे रोक लिया और लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद किरणदीप को विमान से जाने की इजाजत नहीं दी गई और उसे वापस ससुराल जल्लूपुर खेड़ा लौटा दिया गया। इसके बाद अमृतपाल सिंह पर दबाव बढ़ता चला गया।
पुलिस ने पनाह देने वाले को भी दबोचा
अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने भी पूरी सख्ती दिखाई। अमृतपाल को जिसने भी फरार होने में मदद की, गाड़ी में लिफ्ट दी और छिपने की जगह दी पुलिस ने उसको हिरासत में ले लिया तो किसी पर केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। इससे अमृतपाल को नए लोग मदद करने से घबराने लगे। इसके बाद वह अकेला पड़ता गया और उसे बाहर आने को मजबूर होना पड़ा।
अकाल तख्त और एसजीपीसी ने समर्थन नहीं किया
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की सबसे बड़ी उम्मीद सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब और सुप्रीम संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) से थी। फरार होने के बाद उसने दो वीडियो व एक ऑडियो जारी की, जिसमें अकाल तख्त जत्थेदार से तलवंडी साबो में 13-14 अप्रैल को बैसाखी पर सरबत खालसा (सिखों की धर्मसभा) बुलाने की मांग रखी। हालांकि, इसे जत्थेदार ने नकार दिया। वहीं, एसजीपीसी भी खुलकर कभी अमृतपाल सिंह के समर्थन में नहीं आई। परिणाम यह हुआ कि अमृतपाल सिंह अलग-थलग पड़ गया और अंतिम रास्ता बाहर आने का ही बचता नजर आया।