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यूपी के सुंदरीकरण की तैयारी, अब सभी मुख्य मार्ग दिखेंगे एक ही रंग के

यूपी के अब सभी मुख्य शहरों के मुख्य मार्गों की आवासीय और व्यावसायिक बिल्डिंग्स अब होंगे एक ही रंग में रंगे। मुख्यमंत्री ने दिया सभी विकास प्राधिकरण को नियम लागू करने का आदेश

लखनऊ। यूपी के अब सभी मुख्य शहरों के मुख्य मार्गों की आवासीय और व्यावसायिक बिल्डिंग्स भी अब एक ही रंग में रंगी दिखाई देंगी। राज्य की योगी सरकार ने यूपी के सभी मुख्य मार्गों को खूबसूरत बनाने के लिए ऐसी व्यवस्था लागू किया है।

जिससे अब सभी भवन के स्वामियों को अपने घर के बाहरी हिस्से को उसी रंग से रंगना होगा जैसा विकास प्राधिकरण के द्वारा तय किया जाएगा। भवन की रंगाई में होने वाला सारा खर्च की जिम्मेदारी भवन स्वामियों की ही होगी। आवास और शहरी नियोजन विभाग ने विकास प्राधिकरणों को इस विषय में आदेश जारी कर दिया है।

यूपी नगर योजना और विकास :

अधिनियम-1973 की धारा 12(क) के अनुसार राज्य के मुख्य मार्गों से सटे सभी भवनों के बाहरी हिस्से के रक्षा और मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने पहली बार माडल उपविधि विकास प्राधिकरण उपविधि-2021 तैयार की है। आवास और शहरी नियोजन विभाग द्वारा तैयार उपविधि को मुख्यमंत्री योगी से हरी झंडी मिलने के बाद दिए गए अब इस आदेश को जारी कर दिया है। अब सभी विकास प्राधिकरण को बोर्ड के माध्यम से अपने-अपने शहर में इस उपविधि को लागू करना अनिवार्य होगा।

मरम्मत और रंगाई के लिए छह महीने की मिलेगी मोहलत :

प्राधिकरणों के इस उपविधि को लागू करने पर भवन स्वामियों को शहर के मुख्य मार्गों के गैर आवासीय या फिर आंशिक रूप से आवासीय-गैर आवासीय भवनों को एक तरीके से दिखने के लिए उनके बाहरी हिस्से की मरम्मत और विकास प्राधिकरण द्वारा तय रंग से रंगाई करानी ही होगी। इसके लिए भवन स्वामियों को छह महीने की मोहलत मिलेगी।

संबंधित शहर के विकास प्राधिकरण को ही मुख्यमार्गों का चयन करने के साथ ही रंग तय करने और भवन स्वामियों को प्रचार कबमाध्यमों से बताना होगा। आवासीय कालोनियों या फिर ऐसे मार्ग जिन पर सिर्फ आवासीय भवन हैं उन पर यह नियम लागू नहीं होगा।

नेमप्लेट और साइन बोर्ड भी होंगे एक जैसे :

भवनों की न केवल बाहरी दीवार का रंग बल्कि उसकी नेमप्लेट और साइन बोर्ड को भी एक जैसा किया जाएगा। नेम प्लेट, साइन बोर्ड का साइज, उसका रंग और उसकी लिखावट भी प्राधिकरण ही तय करेगा। सभी के लिए बोर्ड की चौड़ाई तो प्राधिकरण तय करेगा लेकिन बोर्ड की लंबाई भवन या दुकान के साइज के अनुसार कम ज्यादा हो सकेगी।

प्राधिकरण के कराने पर देना होगा खर्च :

अगर किसी भवन स्वामी ने दी गई अवधि में तय रंग से भवन की रंगाई नहीं कराई तो विकास प्राधिकरण उस भवन की रंगाई खुद कराएगा जिस पर होने वाला सभी खर्च भवन स्वामियों को प्राधिकरण में जमा करना होगा। भवन स्वामियों को रंगाई मरमत का पूरा खर्च न देने की दशा में प्राधिकरण को भू-राजस्व की तरह ही अपने बकाए खर्च की वसूली करने का पूरा अधिकार होगा।

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