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Uniform Civil Code को लेकर एक बार फिर गरमाई सियासत, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- केंद्र सरकार देश में Uniform Civil Code लागू करने पर जल्द करे विचार। धर्म, जाति और समुदाय से जुडी सभी बंदिशें भी अब हो रहीं कम। ऐसे में यह कानून लागू करने का सबसे बढियाँ वक़्त।

नई दिल्ली। जहाँ एक तरफ यूपी सरकार की तरफ से प्रस्तावित जनसँख्या नियंत्रण क़ानून का मसौदा तैयार होना शुरू हो गया है तो वही दूसरी तरफ इस कानून को लेकर तमाम राजनितिक दलों ने आपस में जंग छेड़ी हुई है। इन्हीं सब मामलों के बीच कल दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा एक सुनवाई के दौरान देश में Uniform Civil Code लागू करने के विषय में एक विशेष टिप्पणी की। जिसके बाद समान नागरिक संहिता के मामले ने मीडिया में एक बार फिर सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी है।

अपने पाठको को हम बता दें की दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा Uniform Civil Code पर यह टिपण्णी एक दंपति के बीच तलाक के मुकदमे की सुनवाई के दौरान किया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि समाज में जाति, धर्म और समुदाय की पारंपरिक रूढ़ियां टूटने के कगार पर पहुँच गई हैं। ऐसे वक़्त पर देश में Uniform Civil Code लाने का यह एक दम सहीं समय है।

केंद्र को Constitution के Article 44 के आलोक में समान नागरिक संहिता के लिए जो भी जरुरी कदम हो उन्हें तुरंत उठाना चाहिए। इस पूरे मामले की सुनवाई कर रहीं जस्टिस प्रतिभा सिंह सुनवाई के दौरान कहा कि भारत में अब हर जात और धर्म से जुड़े लोग निवास करते हैं। ऐसे धर्म, जाति और समुदाय से जुडी सभी बंदिशें भी अब कम हो रही हैं। ऐसे में भारत के Constitution में Uniform Civil Code को लेकर जो उम्मीद जतायी गई थी, उससे अब हकीकत में बदलना चाहिए।

दिल्ली हाई कोर्ट कि इस टिपण्णी के बाद देश भर में सियासत गर्माती नजर आ रही है। देशभर में इसे लागू करने की मांग के साथ ही इसका विरोध भी किया जा रहा है। ऐसे में आइये आज हम अपने इस रिपोर्ट के द्वारा बताते हैं क्या है Uniform Civil Code (समान नागरिक संहिता)।

Uniform Civil Code (समान नागरिक संहिता):

Constitution के Article 44 के तहत उचित समय आने पर राज्य को सभी धर्मों लिए समान नागरिक संहिता बनाने का निर्देश है। अपने पाठकों को हम बता दें कि Uniform Civil Code पूरे भारत में एकमात्र गोवा में लागू है। Uniform Civil Code इ तहत हर धर्म या मजहब के लोगों के लिए एक एक जैसा कानून होता है।

इस कानून से सबसे ज्यादा फर्क मुस्लिम समुदाय के लोगों को पड़ेगा क्यूंकि इस कानून के लागू होने के बाद मुस्लिम समुद्दय में जो तीन शादियां करने के बाद अपनी पत्नी को महज तीन बार तलाक बोल देने से रिश्ता खत्म कर देते थे उनकी यह परंपरा खत्म हो जाएगी। फिलहाल वर्तमान में देश हर धर्म के लोग इन मामलों का निपटारा अपने-अपने पर्सनल लॉ के के अंतर्गत करते हैं।

BJP के लिए भी है अहम:

Bhartiya Janta Party के सत्ता में आने से पहले अपने वर्ष 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में Article 370, राम मंदिर के साथ ही Uniform Civil Code का मामला भी शामिल था। मोदी के सत्ता में आते ही इस पर अटकलें लगाई जाने लगी थीं। ऐसे में, Modi Government ने अपने घोषणा पत्र में कहीं तीनों बातों में से दो बातों पर तो अमल कर ही लिया है।

बीते वर्ष 2019 के 5 अगस्त को Article 370 समाप्त कर दी गई और राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण का कार्य भी अब शुरू हो चुका है। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि BJP के सामने Uniform Civil Code के रूप में एक नया लक्ष्य आ गया है। हालांकि, Modi Government ने 2016 में इस मामले को विधि आयोग के पास भेज दिया था। भाजपा लंबे समय से इसके लिए तैयारी कर रही है।

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