अब उत्तराखंड में पालतू पशु रखने के लिए आवश्यक होगा लाइसेंस, गंदगी होने पर लगेगा इतना जुर्माना
हल्द्वानी : उत्तराखंड(Uttarakhand) के पशु पालने का शौक एवं व्यावसाय करने वालों को लेकर अब नगर निगम द्वारा लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया. इसको लेकर निर्धारित प्रारूप के माध्यम से नगर निगम में आवेदन करना होगा। श्वान यानी कुत्ता के अलावा बिल्ली, गाय, भैंस, घोड़ा, खच्चर, बैल, सूअर आदि पशु रखने वालों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। लाइसेंस के लिए 15 जुलाई से आवेदन शुरू होने जा रहे हैं।
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प्रदेश के लोगों को लावारिस पशु की वजह से कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कुत्ते, गाय, बैल, खच्चर आदि लावारिस छोडऩे से लोगों पर हमले, यातायात प्रभावित होने, आर्थिक नुकसान से लेकर पशुओं पर अत्याचार के मामले सामने आते हैं. इसको रोकने के लिए नगर निगम ने लाइसेंस उपविधि 2018 शुरू कर दी है. अब इस नियम को लेकर सख्ती से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है.
पशु पालन के लिए लाइसेंस का आवेदन करने वाले लोगों को लाइसेंस के साथ मिलने वाला टोकन पशु को गले में लटकाना अनिवार्य किया गया। वही इसके साथ ही पालतू कुत्ते को सार्वजनिक स्थान पर मल कराने पर उसे साफ करना होगा। अन्यथा एक हजार रुपये जुर्माना देना होगा। कोई इस तरह की शिकायत करता है तो दो हजार रुपये जुर्माना लिया जाएगा। पशु लावारिस छोडऩे पर भी जुर्माने का प्रविधान है।
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श्वान व पशु लाइसेंस उपविधि के नियम
-तीन माह से अधिक आयु के पशु का नगर निगम में पंजीयन कराना अनिवार्य। इसमें लिंग, रंग, नस्ल की जानकारी देनी होगी।
-लाइसेंस आवेदन पत्र के साथ 200 रुपये शुल्क जमा कराना होगा।
-कुत्ते को एंटी रेबीज टीका लगा होने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।
-प्रत्येक वर्ष अप्रैल या इससे पहले लाइसेंस नवीनीकरण अनिवार्य। अन्यथा 50 रुपये प्रतिमाह विलंब शुल्क देय होगा।
-निगम से जारी टोकन पशु के गले में टांगना होगा।
-कुत्ते को सार्वजनिक स्थान पर मल कराने व पशु का लाइसेंस न बनाने पर एक-एक हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान।
-टोकन खोने पर 25 रुपये शुल्क देकर नया प्राप्त करना होगा।
-पड़ोसियों या किसी की ओर से श्वान, पशु के गंदगी करने की शिकायत पर दो हजार रुपये अर्थदंड देना होगा।
यह होगा फायदा
-लावारिस पशुओं की संख्या नियंत्रित होगी।
-पशुओं के लोगों पर हमला करने के मामले रुकेंगे।
-लावारिस कुत्तों की संख्या नियंत्रित होने से कुत्ते के काटने के मामले रुकेंगे।
-गोवंश तस्करी पर अंकुश लगेगा।
-नगर निगम की आय में बढ़ोतरी होगी।
-पशुओं पर होने वाले अत्याचार पर रोक लगेगी।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनोज कांडपाल ने बताया कि श्वान पशु लाइसेंस उपविधि को सख्ती से लागू कराने जा रहे हैं। सभी को इसकी जानकारी दी जा रही है। पंजीकरण के लिए 15 जुलाई से आवेदन शुरू होंगे।