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UP में जारी हुई नई कोरोना गाइडलाइन, 11 व 12 अप्रैल को होगा मॉक ड्रिल

पॉजिटिव सैंपल की केजीएमयू में होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। राज्‍य में रैपिड रिस्पांस टीम (RRT) को फिर से एक्टिव किया गया है। इसके अलावा सभी पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए KGMU भेजा जाएगा। सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे मरीजों को 24 घंटे में जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।

विभागीय सचिव रविंद्र ने शुक्रवार को सभी मंडलायुक्त, अपर स्वास्थ्य निदेशक, जिलाधिकारियों, सीएमओ और सीएमएस को निर्देश दिए, जिसमें लैब को एक्टिव रखने के कहा है। बीते शुक्रवार को 24 घंटे में 232 नए कोरोना मरीज पाए गए, जबकि लखनऊ में एक बुजुर्ग महिला की मौत हुई। केंद्र सरकार ने भी 11 और 12 अप्रैल को प्रदेशभर में मॉकड्रिल कराने के निर्देश दिए हैं।

कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन

विदेश यात्रा से लौट रहे यात्रियों की कोरोना जांच कराएं।

सभी 75 जिलों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर (ICCC) का संचालन किया जाए।

सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की OPD में आने वालों और भर्ती मरीजों में बुखार, खांसी व सांस लेने में दिक्कत के लक्षण दिखने पर 24 घंटे में कोरोना जांच कराएं।

रैपिड रिस्पॉन्स व सर्विलांस टीमों को फिर सक्रिय किया जाए।

जांच के लिए सभी कोविड प्रयोगशालाओं को एक्टिव किया जाए।

अस्पतालों में मास्‍क के प्रयोग सहित अन्य कोविड नियमों का पालन किया जाए।

शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सर्विलांस के लिए टीमें गठित की जाएं।

जिले और ब्लॉक स्तर पर बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीम (RRT) और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्राम निगरानी समिति को फिर से ट्रेनिंग दिया जाए।

निगरानी समितियां लक्षण दिखने पर लोगों को मेडिकल किट का वितरण करें।

RRT में एक डॉक्‍टर अनिवार्य रूप से शामिल हो।

कोरोना संक्रमित मरीज के घर जाकर उसके संपर्क में आए लोगों की 24 घंटे में जांच कराई जाए।

कोरोना जांच के लिए एयरपोर्ट, रेलवे व बस स्टेशन पर हेल्प डेस्क बनाई जाए और लोगों की स्क्रीनिंग की जाए।

11 और 12 अप्रैल को होगी मॉक ड्रिल

वहीं, प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार 11 और 12 को पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल कराया जाएगा। इसमें ऑक्सीजन प्लांट की वर्किंग कंडीशन, अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की उपलब्धता और वर्किंग, हेल्थ केयर की ड्यूटी रोस्टर की तैयारी देखी जाएगी। इसके अलावा अस्पताल में सभी लॉजिस्टिक्स सपोर्ट जिनमें दवाई, आइवी फ्लूइड और इक्विपमेंट की वर्किंग को देखा जाएगा और उपलब्धता को भी सुनिश्चित किया जाएगा।

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