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NCP ने जितेंद्र आव्हाड को बनाया विपक्ष का नेता और चीफ व्हिप, अजित समेत आठ मंत्रियों को अयोग्य घोषित करने की मांग

NCP ने स्‍पीकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग

मुंबई: राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अजित पवार की बगावत के बाद अब ये खींचतान शुरू हो गई है कि पार्टी किसकी होगी? अजित और उनके आठ विधायकों के मंत्री बनने के लगभग 10 घंटे बाद एनसीपी ने सभी बागियों को डिस्क्वालिफाई (अयोग्‍य ठहराने) करने के लिए विधानसभा के स्पीकर राहुल नर्वेकर के पास याचिका दाखिल कर दी है।

इसके साथ ही चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि NCP की कमान शरद पवार के पास है। उन्‍होंने सन् 1999 में पार्टी की स्थापना की थी। अजित की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्रवाई करने से पहले उनके पक्ष को भी सुने। इस बीच पार्टी ने जितेंद्र आव्हाड को विधानसभा में विपक्ष का नेता और मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। इससे पहले ये जिम्‍मेदारी अजित पवार के पास थी।

सतारा के कराड में रैली करेंगे शरद पवार

एनसीपी में फूट के बाद शरद पवार सतारा के कराड में रैली करेंगे, जिसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, एनसीपी के बागी नेता और डिप्टी सीएम अजित पवार मुंबई में अपने आवास पर पार्टी विधायकों की बैठक कर रहे हैं। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी आज मातोश्री में पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति पर चर्चा करेंगे।

जयंत पाटिल बोले- बागी विधायक लौटेंगे तो स्‍वागत करेंगे

एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने बताया कि हमने डिस्क्वालिफिकेशन की एक याचिका विधानसभा स्पीकर के पास दाखिल की है। इन नौ विधायकों ने किसी को नहीं बताया कि वे पार्टी को छोड़ने वाले हैं। ये पार्टी नियमों के विरुद्ध है। हमने चुनाव आयोग को भी एक पत्र लिखा है। हम इन नौ विधायकों के रवैये को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हालांकि, हमें यकीन है कि ये सभी विधायक एनसीपी में लौट आएंगे। अगर वे आते हैं तो हम उन्हें स्वीकार कर लेंगे।

अजित पवार ठाकेंगे NCP पर दावा

वहीं, डिप्‍टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा कि उनके साथ पार्टी के 53 में से 40 विधायक हैं। यानी एक तिहाई से अधिक। उन्होंने एनसीपी छोड़कर शिवसेना-भाजपा से हाथ नहीं मिलाया है, बल्कि NCP के तौर पर ही यह कदम उठाया है। हमने सभी वरिष्‍ठ नेताओं को भी इसकी जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र में मैजोरिटी को महत्व दिया जाता है। हमारी पार्टी 24 साल पुरानी है और युवा लीडरशिप को आगे आना चाहिए। ऐसे में पार्टी पर अधिकार को लेकर चुनाव आयोग में अजित पवार गुट का दावा मजबूत रहेगा और शरद पवार को पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ सकता है।

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