
मुस्लिमों से AIUDF प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने ख़ास अपील, बोले – ”बकरीद पर न दें गाय की कुर्बानी”
असम (Assam) के प्रमुख इस्लामी संगठन ‘ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल(Badruddin Ajmal) ने मुसलमानों से 10 जुलाई को मनाई जाने वाले त्यौहार बकरीद पर गाय की कुर्बानी न देने की अपील की है।
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प्रमुख इस्लामी संगठन जमीयत उलेमा की असम इकाई ने मुसलमानों से ईद-उज-अजहा (eid-uz-azha) या बकरीद पर गायों की कुर्बानी नहीं देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि, हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत न हों। क्योंकि, कुर्बानी बकरीद त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए गायों के अलावा अन्य जानवरों की बलि दी जा सकती है। अजमल ने कहा कि ‘हिंदुओं का सनातन धर्म गाय को मां मानता है और उसकी पूजा करता है। हमें उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए।
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इससे पहले इस्लामी मदरसे दारुल उलूम देवबंद ने 2008 में एक सार्वजनिक अपील की थी कि, बकरीद पर गाय की कुर्बानी न दी जाए। मदरसे ने कहा था कि गाय की ही बलि अनिवार्य नहीं। बतादें कि, ईद-उल-अजहा के दौरान ऊंट, बकरी, भैंस और भेड़ जैसे अन्य जानवरों की बलि दी जा सकती है। चूंकि देश के ज्यादातर लोग गाय को पवित्र मानते हैं, इसलिए गाय की कुर्बानी नहीं देने और किसी अन्य जानवर की बलि देने का आग्रह करता हूं।