
बच्चों के लिए मध्यप्रदेश में नहीं है पर्याप्त आईसीयू! तीसरी लहर से कैसे निपटेगी सरकार
देश में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की संभावनाएं जताई जा रही है, जानकारी के अनुसार किसी लहर सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित कर सकती है ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि क्या सरकारों के पास तीसरी लहर से निपटने के उचित संसाधन मौजूद है? दरअसल मध्यप्रदेश के सिर्फ 20 जिले से हैं जहां पर बच्चों के लिए आईसीयू मौजूद हैं जबकि इन सभी जिला अस्पतालों में कुल मिलाकर एक एंबुलेंस मौजूद है। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि क्या प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार है ?

अब तक कितने बच्चे हुए संक्रमित
मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर मिलाकर 18 साल से कम उम्र के 54 हज़ार बच्चों पर कोरोना वायरस संक्रमण हावी हुआ है बच्चों में संक्रमण की दर 6 फीसद से ज्यादा है इनमें 12000 बच्चे अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह आंकड़ा मध्य प्रदेश सरकार की हाईकोर्ट ने हलफनामे में पेश किए हैं।
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तीसरी लहर से कैसे निपटेगा प्रदेश?
अहम बात यह है कि प्रदेश में नवजात बच्चों के लिए महज एक एंबुलेंस है। वह भी सिर्फ भोपाल के सुल्तानिया में है, जो नवजातों को हमीदिया अस्पताल में बच्चों को शिफ्ट करती है। इसमें नवजात के शरीर के तापमान को मेंटेन रखने के लिए इंक्यूबेटर लगा हुआ है, जो राज्य की किसी सरकारी एंबुलेंस में नहीं है।