जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को हाईकोर्ट ने घोषित किया अवैध, काम पर लौटने के आदेश
मध्य प्रदेश की हाई कोर्ट ने जूनियर डॉक्टर द्वारा की जा रही हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है इसके साथ ही सभी डॉक्टर्स को 24 घंटों के अंदर काम पर वापस लौटने के आदेश जारी किए गए हैं। वही अगर डॉक्टर द्वारा आदेश का कड़ाई से पालन नहीं किया गया तो सभी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सकता है। यह फैसला मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस सूर्यपाल की युगल पीठ के समक्ष सुनाया गया।
कौन है याचिकाकर्ता ?
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल पर हाई कोर्ट में याचिका राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव ने दाखिल की थी जिसके बाद सुनवाई के दौरान उन्होंने अपना पक्ष रखा उन्होंने दलील देते हुए कहा कि कोना संक्रमण के दौर में जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल सर्वथा अनुचित है उसमें चिकित्सा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है अपनी मांगे मंगवाने के लिए इस तरह राष्ट्रीय आपदा के समय मरीजों की जान से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है।
क्यों हो रही थी हड़ताल ?
प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार डॉक्टर अपनी मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि इससे पहले जब उन्होंने हड़ताल शुरू की थी तब चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगें मानी जाएंगी लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया और ना ही उनकी मांगों को गंभीरता से लिया । कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए इस बीच कई डॉक्टरों की मौत भी हो गई। ऐसे में उन्हें विवश होकर फिर से हड़ताल शुरू करनी पड़ी। जूनियर डाक्टर का कहना था कि मैजूदा संविदा वेतन में बढ़ोतरी कर इसे 55 हजार, 57 हजार, 59 हजार से बढ़ाकर 68 हजार 200, 70 हजार 680 और 73 हजार 160 किया जाए।