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युवाओं में कम हो रही है साहित्य को पढ़ने की रुचि, आखिर क्यों ?
21वीं सदी में भारत का युवा पूरी तरह से सोशल मीडिया के कब्जे में हो चुका है दिनभर सोशल मीडिया पर पूरी तरह से व्यस्त होने के बाद युवाओं में सामाजिक दूरी देखने को मिल रही है साथ ही युवा साहित्य ( literature ) से दूर होता जा रहा है। ऐसा साफ देखा जा सकता है की बढ़ती तकनीकी के साथ साथ युवाओं का साहित्य ( literature ) से ध्यान खींचता जा रहा है वे अपना ध्यान साहित्य से हटाकर अब मोबाइल टीवी इंटरनेट पर मौजूदा चीजों पर देने लगा है ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि युवाओं की रुचि साहित्य से बिल्कुल समाप्त होती जा रही है।
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आज के वक्त ने बहुत ही कम ऐसे युवा मिलेंगे जो साहित्य में रुचि रखते होंगे जिनके पास प्रकार प्रकार के लेखकों की किताबें मौजूद होगी साहित्य पढ़ने के लिए उनके पास समय ही नहीं है आज का युवा इतना व्यस्त हो चुका है अपने परिवार को वक्त देने के लिए भी युवाओं के पास वक्त नहीं है अगर थोड़ा बहुत समय है अभी तो उनके साहित्य में रुचि खत्म हो चुकी है युवा सोशल मीडिया पर इतना व्यस्त रहता है कि उसे साहित्य पढ़ने तक का क्या किताबों को पलटने तक का वक्त नहीं है।
घरों में जो किताबें मौजूद होंगी उनमें भी न जाने कब से धूल लगनी शुरू हो गई होगी ना जाने कितनों को दिमक खा चुकी होगी। लेकिन यह समाज के लिए बेहद चिंताजनक बात है साहित्य से युवाओं को अचानक यू दूर हो जाना इस संबंध में हमने प्रदेश भर में युवाओं के विचार जानने की कोशिश युवाओं का इस संबंध में क्या कहना है इसे हम यहां पेश कर रहे हैं।
आज के युवा का मानना है कि साहित्य पढ़ने में उनकी कोई भी रुचि नहीं है उन्होंने कहा कि साहित्य पढ़ने के बजाय वह अन्य पुस्तकें पढ़ने में रुचि रखते हैं उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का वह सकारात्मक प्रयोग करते हैं।
अन्य लोगों को भी सोशल मीडिया का सकारात्मक प्रयोग करना चाहिए वही इस पूरे बात पर एक-दूसरे युवा ने कहा कि आज प्रतिस्पर्धा के युग में किसी को अपनी संस्कृति व साहित्य से कोई लेना-देना नहीं है सभी सोशल मीडिया का उपयोग तो करते हैं लेकिन उपयोग जानकारी हेतु कम मनोरंजन के लिए ज्यादा करना पसंद करते हैं इसके कारण हम सभ्यता और साहित्य को कोसों दूर छोड़ चुके हैं।
हमारे देश के युवाओं का कहना है कि हम काफी हद तक साहित्य को समझ सकते हैं लेकिन उसके लिए भी हमें सोशल मीडिया का ही प्रयोग करना पसंद होता है इस पर एक दूसरे के साथ विचार-विमर्श करके विचारों को आदान-प्रदान करने का सहयोग मिलता है मुझे साहित्य से बहुत लगाव है और महान पुरुषों की जीवनी उसे हमें बहुत अच्छा सीख मिलती है लेकिन किताबें पलटने से और किताबें बढ़ाने से ज्यादा बेहतर है कि सोशल मीडिया आधुनिक युग का जो साधन है हम उसे इस्तेमाल करके साहित्य से जुड़े रहे जिससे हम सब जानकारी आसानी से जुटा सकते हैं।
वही इस सवाल पर कुछ युवाओं के ऐसे जवाब मिले जहां उन्होंने कहा कि हमें पढ़ाई से ही फुर्सत नहीं मिलती ऐसे में साहित्य पढ़ने के लिए समय निकालना बेहद मुश्किल हो जाता है सोशल मीडिया के जरिए देश दुनिया में होने वाली घटनाओं की जानकारी तक वह सीमित रह जाते हैं उधर एक दूसरे युवक ने कहा कि वह साहित्य पढ़ना और लिखना भी पसंद करते हैं ऐसे में इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि आज भी मौजूदा युवा साहित्य में रुचि रखते हैं भले ही उनकी संख्या पहले के मुकाबले कम हो गई हो।