
कब्रिस्तान में बुलानी पड़ी पुलिस, पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कब्र का निर्माण कार्य रुका
दिल्ली : मौत के बाद भी बिहार के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सुर्खियों में बने हुए हैं दरअसल इस बार उनसे जुड़ा उठ रहा है विवाद उनकी कब्र से जुड़ा हुआ है । दिल्ली के सबसे बड़े कब्रिस्तान में उनकी कब्र का निर्माण चल रहा है कब्रिस्तान आईटीओ पर स्थित है यह वही स्थान है जहां पहली और दूसरी लहर में कोरोना वाले लाशों को दफनाने के लिए बहुत कम जगह बची थी और इंतजामिया कमेटी लगातार हिदायत देती रही है कि लोग कब्र को पक्का ना करें।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर इतनी भयानक थी कि राजधानी दिल्ली में लाश जलाने के लिए भी जगह कम पड़ गई थी जिसके चलते पार्को और सर्विस एरिया में चिताओं को जलाने के लिए प्लेटफार्म का निर्माण किया गया था राजधानी दिल्ली के सबसे बड़े कब्रिस्तान में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कब्र को पक्का किया जा रहा था। कब्रिस्तान की कमेटी ने तुरंत संज्ञान लिया और इसे रुकवाने की कोशिश की, पुलिस बुलाई गई. अब निर्माण रूक गया है.
क्यों रुका निर्माण ?
आपको इस बात की जानकारी हो कि किसी की भी कब्र को पक्का बनाने की इजाजत नहीं है लेकिन पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के लिए पक्की कब्र तैयार की जा रही थी। कब्रिस्तान की कमेटी ने 1992 में ही कानून बनाकर पक्की कब्र बनाने पर रोक लगा दी थी जिससे कोई भी कब्र को पक्का नहीं कर सके ।
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दिल्ली गेट स्थित अहले जदीद कब्रिस्तान दिल्ली का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है. पहले और दूसरे वेव में मौतों की संख्या बढ़ने पर यहां दफनाने की जगह भी कम पड़ गई थी. केयरटेकर मोहम्मद शमीम का कहना है कि कब्रिस्तान में पक्की कब्र बनाने की साफ तौर पर मनाही है