
लखनऊ में महंगाई-बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, राजभवन घेराव के प्रयास में कार्यकर्ताओं की हुई गिरफ्तारी
लखनऊ : कांग्रेस(Congress) नेता और कार्यकर्ता शुक्रवार को महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरे हैं। कांग्रेसी भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पार्टी कार्यालय के बाहर बैरिकेडिंग लगाई। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। बैरिकेटिंग तोड़कर कुछ प्रदर्शनकारी आगे निकल गए, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं, कांग्रेस नेता नकुल दुबे को पहले ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया। बता दें कि कांग्रेस का महंगाई और बेरोजगारी को लेकर यह देशव्यापी प्रदर्शन है।
पूर्व एमएलसी समेत कई कांग्रेसी हिरासत में
राजधानी में महंगाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता आज राजभवन का घेराव करने की कोशिश में थे, लेकिन पार्टी कार्यालय के बाहर सुबह से ही भारी पुलिस फोर्स मौजूद रही। इस दौरान कांग्रेस कार्यालय पहुंचे पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर राजभवन की ओर कूच करने की कोशिश की तो सभी को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान कांग्रेसियों ने पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इसमें दीपक सिंह सहित कई कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके अलावा कांग्रेस के किसान नेता भी राजभवन का घेराव करने पहुंचे। वह राजभवन के सामने प्रदर्शन व नारेबाजी करके राजभवन का घेराव करने की कोशिश में थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी कांग्रेस: दीपक सिंह
मीडिया से बातचीत में पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद देश में महंगाई चरम पर है। भाजपा ने कहा था कि अच्छे दिन आयेंगे, आज पुराने दिनों के लिए जनता तरस रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में आज देश की हालत क्या है, सबके सामने है। जनता के मुद्दों को लेकर कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी। कांग्रेस डरने वाली नहीं है।
प्रदर्शन से पूर्व तमाम कांग्रेस नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। राजधानी में नकुल दुबे के घर के बाहर देर रात से ही पुलिस लगा दी गई। इस पर पूर्व मंत्री नकुल ने कहा कि यह तानाशाही वाली सरकार है, जो सभी की आवाज दबाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र के लिए इतिहास का सबसे काला दिन है, क्योंकि विपक्षी नेताओं के घर और कार्यालय के बाहर पुलिस का पहरा लगाया गया है।